एसडीएम ऑफिस से होंगे सारे काम: जमीन से संबंधित किसी भी काम को करवाने पटवारी के चक्कर आज से बंद…

0

हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : सरकार ने भुइयां सॉफ्टवेयर में बड़ा बदलाव कर दिया है। मंगलवार 25 अप्रैल से नए साॅफ्टवेयर काम करने लगेगा और लोगों के पटवारी दफ्तर के चक्कर बंद हो जाएंगे। जमीन से संबंधित सभी तरह के काम एसडीएम ऑफिस से होने लगेंगे। भू-अभिलेख विभाग ने भुइयां साफ्टवेयर के साथ ही ये नया सॉफ्टवेयर बनाया है। इसमें पटवारी एसडीएम की मंजूरी के बिना किसी तरह का बदलाव या सुधार भी नहीं कर सकेंगे। अभी अक्सर लोगों को शिकायत रहती है कि पटवारी जानबूझकर दस्तावेजों में छेड़खानी कर देते हैं। ये शिकायतें भी आती हैं कि पटवारी कई चक्कर कटवाने के बाद भी लोगों के जमीन से संबंधित काम नहीं करते हैं।
पटवारी छोटी-छोटी खामियां निकालकर काम अटकाते हैं। पटवारी पीठासीन अधिकारी के आदेश के बाद भी रकबा, खसरा क्रमांक, नाम चेंज करने या फिर सरनेम बदलने का काम अपनी मर्जी से करते हैं। इसी वजह से नया सिस्टम बनाया गया है। इस साफ्टवेयर में काम चालू होने के बाद पटवारी की मनमानी खत्म हो जाएगी। नई व्यवस्था के तहत लोगों को अपने छोटे से छोटे और बड़े से बड़े किसी काम के लिए पटवारी की तलाश नहीं करनी पड़ेगी।
लोग सीधे पीठासीन अधिकारी यानी एसडीएम के दफ्तर में अपने दस्तावेजों से संबंधित शिकायत दूर करने या बदलाव करने की अर्जी लेकर जाएंगे। समय पर काम नहीं होने पर वे सीधे अफसर से शिकायत करेंगे। उन्हें पटवारी को तलाश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नए साफ्टवेयर में दस्तावेजों को सुधारने के लिए एसडीएम पटवारी के पास ऑनलाइन रिकार्ड भेजेंगे। सबकुछ ऑनलाइन होने के कारण फाइलें ढूंढने या तलाश करने का झंझट नहीं रहेगा। सबकुछ कंप्यूटर की एक क्लिक पर मिल जाएगा। इससे काम जल्दी हो सकेंगे। ऑनलाइन आवेदन को ऊपर-नीचे भी नहीं किया जा सकेगा। जिस क्रम में अर्जियां जमा होंगी, उसी क्रम में प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यानी जिसका आवेदन पहले आएगा पटवारी को उसी की प्रक्रिया पहले पूरी करनी होगी। पटवारी आवेदन के नंबरों को आगे पीछे भी नहीं कर सकेंगे।

कई तरह की दिक्कतें आती हैं अभी

आला अफसरों को ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि कई इलाकों की जमीन काे रिकार्ड में बदल दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर सरकारी जमीन को आवासीय और आवासीय को सरकारी कर दिया जाता है। इसके साथ ही वह खसरा क्रमांक परिवर्तित और विलोपित करने की शिकायतें मिलती हैं। कई लोगों का सरनेम भी बदल जाता है। इसकी जांच करने पर पता चला कि विभागीय स्तर पर जान बूझकर ऐसी गड़बड़ी की जाती है। नए साफ्टवेयर के उपयोग से कोई भी चोरी छिपे जमीन का रिकार्ड नहीं बदल सकेगा। पटवारी को अब जितना एसडीएम या पीठासीन अधिकारी द्वारा आदेश दिया जाएगा वे उतना ही काम कर पाएंगे।

पीठीसीन अधिकारी द्वारा पारित किए गए आदेश के अनुसार रिकार्ड दुरुस्त करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाया गया है, जिसे कल से प्रदेशभर में लागू किया जा रहा है।

मोनिका सिन्हा, उपायुक्त भू-अभिलेख

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here