अगर एक एफआईआर के लिए पीड़ित को जाना पड़े मुख्यमंत्री के द्वार,, तो किस काम की जिला प्रशासन और पुलिस…

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हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर : एक शासकीय महिला डॉक्टर की लापरवाही से जच्चा–बच्चा की मौत हो जाती है और जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन केवल मूकदर्शक बनकर रह जाती है। जांच के नाम पर परिजनों को केवल घुमाया जाता है 15 दिन बीत जाने के बावजूद ना तो आरोपियों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज की जाती है ना तो उन पर अब तक कोई कार्यवाही की गई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन क्या ऐसे आरोपियों को संरक्षण दे रही है या फिर वह ऐसे अपराधिक कृतियों में शामिल रहने वाले अपराधियों के सामने नतमस्तक हो गए हैं।

क्या हैं मामला

3 अप्रैल 2023 को पूजा साहू नामक महिला को उनके परिजनों द्वारा शासकीय जिला चिकित्सालय सूरजपुर में प्रसव के लिए भर्ती कराया जाता है लेकिन जिला चिकित्सालय में महिला को इलाज नहीं मिल पाता है जिसके चलते परिजन उसे अंबिकापुर अस्पताल में लेकर आने की तैयारी करते हैं। जिला चिकित्सालय सूरजपुर में पदस्थ 2 स्टाफ नर्सों और वहां की महिला चिकित्सक रश्मि कुमार द्वारा महिला के परिजनों को बरगला कर अपने निजी नर्सिंग होम में महिला को भर्ती करने के लिए मना लेती है जिसके बाद परिजनों द्वारा महिला को तिलसिवा स्थित रश्मि नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया जाता है जहां डॉ रश्मि की लापरवाही से नवजात बच्चे और उसकी मां की मृत्यु हो जाती है जिसके बाद परिजनों द्वारा डॉक्टर के खिलाफ कोतवाली में जाकर आवेदन दिया जाता है और कार्यवाही की मांग की जाती है।

15 दिन बीत जाने के बावजूद एफआईआर पुलिस ने नही किया दर्ज

अपनी बेटी और नाती को खोने के बाद मृतिका के पिता महेंद्र कुमार विगत 15 दिवस से पुलिस थाने, कलेक्टर कार्यालय और सीएमएचओ कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं लेकिन आज पर्यंत उन्हें न्याय नहीं मिल पाया है उन्हें केवल आश्वासन मिल रहा है। आश्वासन के अलावा 15 दिन बीत जाने के बावजूद उन्हें ने नहीं मिल पा रहे हैं यहां तक की दोषी डॉक्टर के खिलाफ पुलिस द्वारा अब तक एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है।

सीएमएचओ बन केवल उठाया लाभ आज पर्यंत नहीं की दोषियों पर कभी कोई कार्यवाही

नेताजी के दामाद और सूरजपुर सीएमएचओ आरएस सिंह द्वारा आज पर्यंत कभी किसी दोषी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इसे उनका प्यार, स्नेह या लगाव कहें कि उनकी ओर से दोषियों को हमेशा संरक्षण ही मिला है पर्याप्त सबूत होने के बावजूद वे कभी दोषियों पर कार्यवाही नहीं करते हैं। पद का दुरुपयोग तो होगा ही जब “सैंया भयों कोतवाल”…. जब विधायक ससुर और स्वास्थ्य मंत्री दे संरक्षण तो डर काहे का… यह बात किसी से छिपी हुई नही हैं कि जिला चिकित्सालय सूरजपुर में आरएस सिंह से अधिक अनुभवी चिकित्सक पहले से मौजूद हैं जिन्हे योग्यता और अनुभव के आधार पर सीएमएचओ बनाया जाना चाहिए था लेकिन…..पहुंच भी कोई चीज होती है….

अवैध तरीके से लंबे समय से संचालित हैं क्लीनिक पर आज पर्यंत नही हुई कार्यवाही

रश्मि नर्सिंग होम का संचालन काफी लंबे समय से किया जा रहे हैं नर्सिंग होम चलाने के लिए कई नियम कानून है जिन को ताक पर रखकर क्लीनिक संचालित किया जा रहा है लेकिन आज पर्यंत उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। ऐसा क्या कारण है कि डॉ रश्मि सरकारी अस्पताल से मरीजों को अपने क्लीनिक ले जाती थी लेकिन सीएमएचओ उन्हें खुली छूट देकर रखे हुए थे। न तो उन्हे इन कृत्यों से रोका गया और न ही उनके उपर कोई कार्यवाही की गई।

कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के मनमाने रवैए से हारकर मृतिका के परिजन को एफआईआर और दोषियों पर कार्यवाही के लिए अब मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपना पड़ रहा है। परिजनों ने साथ ही साथ और पुलिस प्रशासन को 3 दिन का समय दिया हैं अगर इस बीच आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जाती हैं तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ जायेंगे…

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