हिंद स्वराष्ट्र रायपुर : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद अरुण साव ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा राहुल गाँधी की लोक सभा सदस्यता रद्द हो गई है। वैसे उनकी सदस्यता तभी रद्द हो गई थी जब सूरत की एक अदालत ने राहुल गाँधी को देश के समग्र ओबीसी समाज का अपमान करने के मामले में दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गाँधी की सदस्यता जाने में भारतीय जनता पार्टी या केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है। उनकी सदस्यता अदालत के फैसले के साथ ही प्रभावी हो गई थी, बस प्रक्रिया का पालन करते हुए उसे नोटिफाई करना था जिसे लोक सभा सचिवालय ने कर दिया ।
रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951 के तहत अगर किसी सांसद या विधायक को किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है और उसे 2 साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है, तो दोषी करार होते ही उसकी संसद या विधान सभा की सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द हो जाती है। 2013 में लिली थॉमस वर्सेज यूनियन ऑफ़ इंडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय पर मुहर लगाई थी। सजा का ऐलान होते ही पूर्व कांग्रेस के मंत्री वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भी मान लिया था कि राहुल गाँधी एक सांसद के तौर पर अयोग्य हो चुके हैं।
राहुल गाँधी की संसद सदस्यता जाने में कांग्रेस पार्टी की भी भूमिका है। ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस पार्टी खुद यही चाहती थी कि राहुल गाँधी की लोक सभा सदस्यता चली जाए। पवन खेड़ा वाले मामले में केवल 15 मिनट में कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट चली जाती है लेकिन इस मामले में लगभग 24 घंटे से भी ज्यादा समय तक कांग्रेस पार्टी ने किसी भी अदालत में कोई अपील नहीं की।
लोकसभा चुनाव के दौरान 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक में बेंगलुरु के पास कोलार में राहुल गाँधी ने देश के ओबीसी समाज और तेली समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और उनके सरनेम को लेकर उनका अपमान किया था। इसको लेकर देश का ओबीसी समाज और तेली समाज काफी आक्रोशित था। अदालत के फैसले ने उन्हें सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है।
इन चार सालों में ऐसे कई मौके आये जब राहुल गाँधी ओबीसी समाज से माफी मांग कर इस मामले को ख़त्म कर सकते थे लेकिन अपने अहंकार में राहुल गाँधी ने समाज और कोर्ट के द्वारा बार-बार समझाने और माफ़ी माँगने के विकल्प को भी नज़रअंदाज़ किया और लगातार ओबीसी समाज की भावना को ठेस पहुँचाई। राहुल गाँधी ने पूरे ओबीसी समाज का अपमान किया। कल अदालत का फैसला आने के बाद भी राहुल गाँधी और कांग्रेस नेता उस बयान को सही ठहराते रहे और अहंकार में डूबे रहे।
राहुल गाँधी की सदस्यता उनके अहंकार के कारण गई है। राहुल गाँधी की सदस्यता उनके द्वारा देश के ओबीसी समाज के अपमान और माफी न मांगने के कारण गई है। वे अपने आप को देश से बड़ा समझने की भूल कर बैठे हैं।
राहुल गाँधी एक सीरियल ऑफेंडर हैं। वे पहले भी कई झूठी बातें बोल चुके हैं। राफेल मामले पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के बारे में ही झूठ बोल दिया था जिसके कारण उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी थी।
श्री अरुण साव ने कहा कानून सब के लिए बराबर है राहुल गांधी के लिए अलग से कानून और सविधान बनाया जाए?
राहुल गांधी पहले सदस्य नहीं जिनकी सदस्यता रद्द हुई इससे पहले:-
1. कमल किशोर भगत – झारखंड छात्र मिलन- लोहरदगा से विधायक (विधानसभा चुनाव क्षेत्र), झारखंड – हत्या के प्रयास के लिए दोषी ठहराया गया – जून 2015 अयोग्य घोषित।
2. सुरेश हलवणकर – भाजपा – इचलकरंजी से विधायक महाराष्ट्र – 3 वर्षों के लिए दोषी ठहराया – मई 2014 अयोग्य घोषित।
3. बबनराव घोलप – शिवसेना – देवलाली से विधायक महाराष्ट्र – संपत्ति का मामला 3 वर्षों के लिए दोषी ठहराया – मार्च 2014 अयोग्य घोषित।
4. एनोस एक्का – झारखंड दल – विधायक, कोलेबीरा, झारखंड राज्य – जीवन भर के लिए दोषी ठहराया- 2014 में अयोग्य घोषित।
5. आशा रानी – बीजेपी – बिजावर से विधायक मध्य प्रदेश – नौकरानी को आत्महत्या के लिए उकसाना के लिए दोषी ठहराया गया – नवंबर 2013 अयोग्य घोषित कर दिया।
6. रशीद मसूद – कांग्रेस- उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं एमबीबीएस में सीटों का घोटाला – 4 वर्षों के लिए दोषी ठहराया – सितंबर 2013 अयोग्य घोषित कर दिया।
7. लालू प्रसाद यादव – राजद- सारण, बिहार से लोकसभा सांसद हैं – चारे में घोटाला 5 वर्षों के लिए दोषी ठहराया – सितंबर 2013 अयोग्य घोषित कर दिया।
8. जगदीश शर्मा – जद(यू)- जहानाबाद, बिहार से लोकसभा सांसद हैं – चारे में घोटाला 4 वर्षों के लिए दोषी ठहराया – सितंबर 2013 अयोग्य घोषित कर दिया।
9. टी. एम. सेल्वागणपति – डीएमके – तमिलनाडु से राज्यसभा सांसद – श्मशान में शेड का मामला – 2 वर्षों के लिए दोषी ठहराया – अप्रैल 2014 को इस्तीफा दे दिया।
10 जे. जयललिता – एआईएडीएमके – तमिलनाडु राज्य की मुख्यमंत्री व तमिलनाडु आर. के. नगर से विधायक – 100 करोड रुपए (यूएस डॉलर $13 मिलियन) में असंगत संपत्ति का मामला – 4 वर्षों के लिए दोषी ठहराया कारावास और साथ ही जुर्माना – फरवरी 2017 में निधन।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री अरुण साव ने कहा कांग्रेस किस लोकतंत्र के हिसाब से हिंसा कर रही है भाजपा कार्यालयों पर हमले कर रही है ?
ये दुर्भाग्यजनक बात है कि हमले कांग्रेस के लोग कर रहे है और एफआईआर भाजपा के कार्यकर्ताओं पर हो रही है सही मायने में यही लोकतंत्र की हत्या है।
प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी,प्रदेश प्रवक्ता दीपक म्हस्के माजूद रहे।
प्रेस वार्ता के उपरांत राहुल गांधी के गलत कृत्यों,विवादित बयानों,उन पर चल रहे मानहानि के मामलों सहित कई अन्य तथ्य भी प्रस्तुत किए गए ।
राहुल गाँधी पर चल रहे मानहानि के मामले अतिरिक्त जानकारी
ऽ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का पहला केस साल 2014 में हुआ था। ये केस महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में चल रहा है। आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का मामला दर्ज है। राहुल गांधी ने भिवडी में एक भाषण के दौरान संघ (आरएसएस) पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था।
ऽ 2016 में राहुल गांधी के खिलाफ असम के गुवाहाटी में धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता के मुताबिक राहुल गांधी ने कहा था कि 16वीं सदी के असम के वैष्णव मठ बरपेटा सतरा में संघ सदस्यों ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। उनके इस आरोप से संघ की छवि को नुकसान पहुंचा है। ये मामला भी अभी कोर्ट में पेंडिंग है।
ऽ साल 2018 में राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड की राजधानी रांची में एक और केस दर्ज किया गया। ये केस रांची की सब डिविजनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चल रहा है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत 20 करोड़ रुपए मानहानि का केस दर्ज है। इसमें राहुल के उस बयान पर आपत्ति जताई गई है, जिसमें उन्होंने मोदी चोर है कहा था।
ऽ 2018 में ही राहुल गांधी पर महाराष्ट्र में एक और मानहानि का केस दर्ज हुआ ये मामला मझगांव स्थित शिवड़ी कोर्ट में चल रहा है। आईपीसीकी धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज है। केस संघ के कार्यकर्ता ने दायर किया था। राहुल पर आरोप है कि उन्होंने गौरी लकेश की हत्या को बीजेपी और संघ की विचारधारा से जोड़ा।
ऽ सारे मोदी चौर है- वाले बयान पर पटना में भी राहुल गाँधी के खिलाफ सुशील मोदी द्वारा केस दर्ज है।
ऐसा नहीं है कि राहुल गाँधी ने इससे पहले माफी नहीं माँगी थी
तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है। बयान को लेकर 23 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मागई थी। राहुल ने अवमानना के मामले में पहले दायर किए गए दो हलफनामों में सिर्फ खेद जताया था। इस पर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष अदालत से मौखिक रूप से माफी मांगी थी। इसके साथ ही नया हलफनामा दाखिल करने की मोहलत मांगी थी।
राहुल गाँधी के अनर्गल बयान:-
ऽ राहुल ने कहा चौकीदार ही चोर हे राहुल गांधी ने 20 सितंबर 2018 को राजस्थान के डूंगरपुर में कहा कि, नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था में देश का प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता हूँ, में देश का चौकीदार बनना चाहता हूँ लेकिन आज देश के दिल में राजस्थान की जनता के दिल में एक नई आवाज उठ रही है गली-गली में शोर है, हिंदुस्तान का चौकीदार चोर है। यह गाली और अपशब्द वह 2019 के पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान देते रहे।
ऽ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हिटलर से तुलना 05 अगस्त 2022 को दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हिटलर से तुलना की और मोदी सरकार को तानाशाही सरकार करार दिया। कहा चुनाव तो हिटलर भी जीतता था।
ऽ सारे मोदी चोर हैं 13 अप्रैल को 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के बेंगलुरु के पास कोलार में राहुल गांधी ने एक चुनावी सभा में कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है।
ऽ मोदी को छह महीने में लोग डंडे मारने लगेंगे 06 फरवरी 2020 को राहुल गांधी ने एक चुनावी रैली में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि छह महीने में लोग उन्हें उडे मारने लगेंगे।
ऽ राहुल गांधी ने पीएम मोदी को भोंपू और जेबकतरा तक कहा: 15 अक्टूबर, 2019 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को कुछ उद्योगपतियों का भोंपू करार देते हुए कहा कि उनकी रणनीति एक जेबकतरे जैसी है जो चोरी से पहले लोगों का ध्यान बाट देता है। महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, पीएम मोदी अडाणी और अंबानी के भोंपू है।
ऽ जवानों के खून के दलाली राहुल गांधी ने जवानों की वीरता को खून की दलाली कहा। 6 अक्टूबर, 2016 को किसान यात्रा के दौरान दिल्ली पहुंचने पर इन शब्दों का इस्तेमाल किया।
ऽ सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहा 2007 के चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहा था। गुजरात की जनता ने इस अपमान का बदला लेते हुए कांग्रेस को विधानसभा में सूपड़ा साफ कर दिया।
ऽ सोनिया गांधी ने कहा, जहर की खेती लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फरवरी, 2014 को कर्नाटक के गुलबर्ग में कहा मेरा पूरा भरोसा है कि आप ऐसे लोगों को मंजूर नहीं करेंगे जो जहर का बीज बोते हैं।
ऽ प्रियंका गांधी वाड्रा ने की दुर्याेधन से तुलना 07 मई, 2019 को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अबाला से कांग्रेस की उम्मीदवार कुमारी शैलजा के समर्थन में आयोजित सभा में प्रधानमंत्री मोदी की तुलना दुर्याेधन से कर दी।
राहुल गाँधी के विवादित बयान
ऽ अगस्त 2015 में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर अपरिपक बयान: राहुल गांधी ने ललित मोदी विवाद को लेकर तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर अनर्गत टिप्पणी की थी तब भी राहुल गाँधी से उनके अपरिपक्क बयानों के लिए माफी मांगने की बात हुई थी।
ऽ फरवरी 2016 में जेएनयू विवाद पर राहुल गाँधी की भूमिका: राहुल गांधी ने असम में जेएनयू विवाद को लेकर आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा था कि युवाओं को देशद्रोही बताना उनकी आवाज को दबाने जैसा है। इससे पहले राहुल गाँधी जेएनयू में भारत तेरे टुकड़े होंगे नारे लगाने वाले देशद्रोही तत्वों के समर्थन में जाकर खड़े हो गए थे तब भी राहुल गाँधी से माफी मांगने को कहा गया था।
ऽ अक्टूबर 2017 में राहुल गाँधी ने आरएसएस और महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी: राहुल गाँधी ने कहा था कि उन्होंने आरएसएस की शाखाओं में कभी भी महिलाओं को शॉर्ट्स पहने नहीं देखा। आरएसएस महिलाओं के साथ भेदभाव करता है।
ऽ रेप कैपिटल: 2019 में झारखंड में एक चुनावी रैली के दौरान राहुल गाँधी ने भारत को दुनिया की रेप कैपिटल बताया था। इस टिप्पणी को लेकर राहुल की काफी खिंचाई हुई थी और माफी मांगने की मांग हुई थी।
ऽ फरवरी 2022 में लोकसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा था कि भारतीय न्यायपालिका और चुनाव। आयोग राज्यों की आवाज को दबाने के साधक बन गए हैं।
ऽ राहुल गाँधी ने संसद में आँख भी मारी थी जिस पर भी उनके आचरण को लेकर बवाल हुआ था।
राहुल गांधी द्वारा विदेशी धरती से देश का अपमान
ऽ लंदन, मार्च 2023: लंदन में कहा- भारत यूनियन ऑफ स्टेट्स है ( भारत राष्ट्र नहीं, राज्यों का संघ है) राहुल ने कहा कि भारत राष्ट्र नहीं है। इसके बजाय इसे राज्यों के संघ के रूप में वर्णित किया गया है। राहुल गांधी इससे पहले संसद में भी यह बात कह चुके है। इससे यह साफ है कि वे अप्रत्यक्ष रूप से भारत को तोड़ने की बात कर रहे हैं। संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर के अनुसार फेडरेशन ऑफ स्टेट्स के बजाय यूनियन ऑफ स्टेट्स को रखने की दो अहम वजहें है। पहला इंडियन फेडरेशन यानी भारतीय संघ अमेरिकी फेडरेशन की तरह राज्यों के बीच एग्रीमेंट का नतीजा नहीं है। दूसरा, राज्यों को फेडरेशन से अलग होने का कोई अधिकार नहीं है। फेडरेशन एक यूनियन है क्योंकि यह तितर-बितर नहीं हो सकता है।
ऽ लंदन, मार्च 2023: हमारे लोकतांत्रिक ढांचों पर वर्वर हमले हो रहे यूरोप-अमेरिका को दखल देना चाहिए
राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक ढांचों पर बर्बर हमले हो रहे हैं। देश की संस्थाओं पर व्यापक हमला हो रहा है। उन्होंने कहा, मीडिया, संस्थागत ढांचे न्यायपालिका संसद सभी पर हमले हो रहे है। राहुल ने कहा कि अमेरिका और यूरोप सहित दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से यह संज्ञान लेने में नाकाम रहे हैं कि लोकतंत्र का एक बड़ा हिस्सा नष्ट कर दिया गया है। यूरोप-अमेरिका को इसमें दखल देना चाहिए। हालांकि बाद में राहुल गाँधी ने कहा कि ये इंटरनल बात है।
ऽ लंदन, मार्च 2023: भारत की आवाज दबा दी गई है
राहुल गांधी ने डीप स्टेट की बात करते हुए कहा कि देश के प्रमुख संवैधानिक संस्थानों पर आरएसएस का कब्जा हो गया है। भारत के लोग उन संस्थानों पर हमले देख रहे है जिन्होंने संवैधानिक दायरे में रहकर देश का निर्माण किया। इन संस्थानों पर अब डीप स्टेट का कब्जा है। मैं खुद को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखता हूँ जो भारत के उस विचार का बचाव करता है जब में अपने देश की आवाज को कुचला हुआ देखता हूं, तो यह मुझे परेशान करता है। मैं सोचता हू कि मुझे क्या करना चाहिए और क्या करना चाहिए।
ऽ लंदन, मार्च 2023 कश्मीर तथाकथित हिंसक जगह
ऽ (केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कश्मीर को तथाकथित हिंसक जगह करार दिया। उन्होंने कहा कश्मीर में काफी उग्रवाद है और वह तथाकथित हिंसक जगह है।
ऽ लंदन, मार्च 2023: पुलवामा हमले को बताया कार धमाका, शहीदों का किया अपमान: राहुल ने पुलवामा हमले में शहीदों का भी अपमान किया। इतना ही नहीं उन्होंने पुलवामा हमले को महज एक कार में हुआ धमाका करार दिया। राहुल ने कैम्ब्रिज में अपने संबोधन में अपनी एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि इसमें में उस जगह पर फूल चढ़ा रहा हूँ जहां पर 40 जवान एक कार धमाके में मारे गए थे।
ऽ लंदन, मार्च 2023: विपक्षी नेताओं के फोन में पेगासस स्पाइवेयर था
राहुल गांधी ने ये भी दावा किया कि उनके और कई अन्य विपक्षी नेताओं के फोन में पेगासस स्पाइवेयर था ओर गुप्तचर अधिकारियों ने खुद उन्हें फोन करके बताया था कि बातचीत करते हुए वह सावधान रहें क्योंकि उनकी बातों को रिकॉर्ड किया जा रहा है।
ऽ लंदन, मार्च 2023: चीन की तारीफ, चीन ने प्रकृति के साथ विकास किया
राहुल गाँधी ने अपने केब्रिज़ में चीन की खुले दिल से तारीफ की। कहा कि चीन ने चीन शांति का पक्षकार है। चीन में रेलवे, हवाई अड्डा और बांध सब प्रकृति से प्रेरित है। चीन सद्भावना में विश्वास रखता है। शायद कांग्रेस और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में जो डवन् साइन हुआ था और चीन से कांग्रेस के परिवार और ट्रस्ट को जो चंदा मिला था उसी के एवज में राहुल गांधी चीन का गुणगान कर रहे हैं।
ऽ लंदन, मई 2022: देश में मिट्टी का तेल छिड़क दिया गया है. चिंगारी की जरूरत
राहुल ने बेरोजगारी, महंगाई अर्थव्यवस्था व अन्य मुद्दों पर कहा कि भारत अभी अच्छी स्थिति में नहीं है। भाजपा ने पूरे देश में केरोसिन छिड़क दिया है। आपको एक चिंगारी चाहिए और हम बड़ी मुसीबत में पड़ जाएंगे। अगर तनाव का माहौल शांत नहीं हुआ तो चीजें गलत हो सकती हैं।
ऽ लंदन, मई 2022 रूस जो यूक्रेन में कर रहा, चीन लद्दाख में कर रहा
यूरोपीय डीप स्टेट एजेंट जार्ज सोरोस राहुल गांधी को भारत का ब्लादिमीर जेलेस्की बनाना चाहते हैं। यही वजह है कि 2022 से चीन और भारत को लेकर वह विवादित बयान देते रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि चीन का भारत में वही पैर्टन दिख रहा है जो रूस ने पूक्रेन में किया है। रूस जो यूक्रेन में कर रहा है कुछ उसी तरह से चीन लद्दाख में कर रहा है।
ऽ लंदन, मई 2022: फंड पाने के नए तरीके तलाशने होंगे
राहुल ने कहा कि हमें और अधिक आक्रामक रूप से उन 60 से 70 फीसदी लोगों के पास जाने की जरूरत है, जो भाजपा को वोट नहीं देते हैं और हमें इसे एक साथ करने की जरूरत है। मीडिया और संचार पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है तो हमें मीडिया और संचार के अन्य तरीके देखने होंगे। फंड को भी पाने के नए तरीके तलाशने होंगे। ये लड़ाई है इंडिया को दोबारा पाने की राहुल गांधी अब भी इंडिया को पाने की चाहत रखते है जबकि इंडिया अब भारत बनने की ओर अग्रसर है।
ऽ लंदन, मई 2022: राहुल ने कहा- भारतीय विदेश सेवा पूरी तरह से बदल गई
भारतीय विदेश नीति के पैटर्न में आये बदलाव पर उन्होंने कहा कि मैं यूरोप के नौकरशाहों से बात कर रहा था और उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश सेवा पूरी तरह से बदल गई है। अब वे कुछ भी नहीं सुनेंगे। वे घमंडी हैं। अब वे बस हमें बताते हैं कि उन्हें क्या आदेश मिल रहे है।
ऽ ब्राउन यूनिवर्सिटी, 17 मार्च 2021: सद्दाम हुसैन और मुअम्मर गद्दाफी भी चुनाव जीता करते थे
भारत में लोकतांत्रिक मानकों में आ रही गिरावट की अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल ने ब्राउन यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में आनलाइन संबोधन में कहा कि इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर गद्दाफी भी शासन में भी चुनाव हुआ करते थे। वे चुनाव जीता भी करते थे। ऐसा नहीं था कि लोग वोट नहीं करते थे, लेकिन उनके वोटों की सुरक्षा के लिए कोई संस्थागत ढांचा नहीं था।
ऽ दुबई, जनवरी 2019: साढ़े चार वर्षों से भारत में असहिष्णुता है
संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत में असहिष्णुता का जिक्र कर भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा यूएई और भारत के लोगों को साथ लानेवाले मूल्य विनम्रता और सहिष्णुता है। विभिन्न विचारों, धर्मों और समुदायों के लिए सहिष्णुता मुझे यह कहते हुए दुख होता है कि घर पर (भारत) साढ़े चार वर्षों से असहिष्णुता है।
ऽ लंदन, अगस्त 2018: लंदन में कहा- भारत अब अच्छी स्थिति में नहीं है
राहुल गांधी ने यही बात 2018 और 2022 में कही थी। राहुल ने कहा कि भाजपा शासन में लोकतंत्र टूट चुका है। जिसके बाद भारत अब अच्छी स्थिति में नहीं है। देश में शासन के दो रूप देखने को मिल रहे हैं। एक जो असहमति करने वालों की आवाजों को कुचलता है और दूसरा वह जो सुनता है।
ऽ मलेशिया, मार्च 2018: नोटबंदी का प्रस्ताव में कचरे के डिब्बे में फेंक देता
मलेशिया दौर के समय राहुल गांधी ने 2016 में हुई नोटबंदी को लेकर भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा था कि यदि में प्रधानमंत्री होता और कोई मुझे नोटबंदी करने के प्रस्ताव की फाइल देता, तो मैं उसे कचरे के डिब्बे में कमरे से बाहर या कबाड़खाने में फेंक देता क्योंकि मेरे हिसाब से यह किसी के लिए भी अच्छी नहीं है।
ऽ सिंगापुर, मार्च 2018: कुछ लोग चुनाव जीतने के लिए नफरत और हिंसा का सहारा ले रहे
सिंगापुर के ली कुआन यी स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के पैनल डिस्कशन में राहुल ने कहा था कि भारत में कुछ लोग चुनाव जीतने के लिए नफरत और हिंसा का सहारा ले रहे हैं जबकि हमारा दृष्टिकोण लोगों को जोड़ने का है। अगर आप प्रेस से उद्योग जगत के लोगों से बात करेंगे तो वे भी आपको बताएंगे कि हम डरा हुआ महसूस करते हैं। इसलिए आमतौर पर डर का माहौल है।
ऽ बहरीन, जनवरी 2018: सरकार जॉब क्रिएट करने में नाकाम रही
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी पहली बार विदेश दौरे पर बहरीन पहुंचे थे। राहुल ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा था कि देश में आज विचित्र स्थिति है। सरकार जॉब क्रिएट करने में नाकाम रही है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और गुस्से में दिखाई दे रहे हैं। सरकार इससे बचने के लिए जातीय व धार्मिक उन्माद पैदा करवा रही है। देश में बांटने वाली ताकतें तय कर रही हैं कि लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। देश में विघटन की स्थिति पैदा हो रही है। दलितों को पीटा जा रहा है पत्रकारों को धमकाया जा रहा है।
ऽ अमेरिका, सितंबर 2017: अहिंसा की विचारधारा आज खतरे में
ऽ सितंबर 2017 में अपने दो हफ्ते के अमेरिकी दौरे के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बर्कले की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में कहा था कि संसद को अंधेरे में रखकर नोटबंदी लाई गई. नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में गिरावट आई। आज नफरत और हिंसा की राजनीति हो रही है। हिंसा का मतलब मुझसे बेहतर कौन जान सकता है क्योंकि इसमें मैंने अपनी दादी और पिता को खोया है। अहिंसा की विचारधारा आज खतरे में है।
राहुल गाँधी के अन्य देशविरोधी कारनामें
ऽ राहुल गाँधी ने 13 फरवरी 2020 में भारत का गलत नक्शा द्वीट किया।
ऽ जम्मू कश्मीर के बारे में राहुल गाँधी के बयान को पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संघ में उपयोग किया।
ऽ राहुल गाँधी ने आरएसएस को पाकिस्तानी आतंकी संगठन से ज्यादा खतरनाक बताया।
ऽ डोकलाम के समय रात के अँधेरे में चीनी दूतावास के अधिकारियों से मुलाक़ात की।
ऽ गलवान के समय राहुल गाँधी ने देश की सेना का अपमान किया।
ऽ राहुल गाँधी ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सवाल उठाये थे।
कई मामलों में जमानत पर रिहा राहुल
राहुल गांधी देश भर में मानहानि के कई मामलों का सामना कर रहे हैं। चूंकि उनमें से ज्यादातर आपराधिक मानहानि के मामले हैं।
राहुल गांधी को उनके खिलाफ 7वें मामले में जमानत मिल गई है
23 मार्च 2023 को आज श्मोदी सरनेमश् मानहानि मामले में 2 साल की सजा पाए राहुल गांधी को जमानत मिली. अदालत ने 15,000 रुपये के मुचलके पर गांधी की जमानत मंजूर कर ली और उन्हें अपील करने की अनुमति देने के लिए 30 दिनों के लिए सजा पर रोक लगा दी।
सबसे प्रसिद्ध मामला जहां राहुल गांधी जमानत पर बाहर हैं, वह नेशनल हेराल्ड मामला है। राहुल गांधी को उनकी मां सोनिया गांधी के साथ दिसंबर 2015 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 50,000 रुपए के निजी मुचलके पर दायर मामले में जमानत दे दी गई थी।
6 जुलाई 2019 को, राहुल गांधी को पटना की एक अदालत ने मानहानि के एक अन्य मामले में जमानत दे दी थी। यह मामला भाजपा नेता और बिहार डिप्टी ने अपनी टिप्पणी के लिए दायर किया था जिसमें कहा गया था कि ष्सभी मोदी चोर हैंष्।
12 जुलाई, 2019 राहुल गांधी को मानहानि के मामले में अहमदाबाद की एक अदालत ने जमानत दे दी। यह मामला अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक द्वारा दर्ज किया गया था, जब उन्होंने आरोप लगाया था कि बैंक विमुद्रीकरण के दौरान नोटों की अदला-बदली के एक घोटाले में शामिल था।
4 जुलाई, 2019 को राहुल को मुंबई की एक अदालत ने आरएसएस कार्यकर्ता द्वारा दायर मानहानि के मामले में जमानत दे दी थी। गौरी लंकेश की हत्या को बीजेपी-आरएसएस विचारधारा से जोड़ने वाली उनकी टिप्पणी के लिए यह मामला दायर किया गया था। जमानत 15 हजार रुपये के मुचलके पर दी गई।
नवंबर 2016 में, महाराष्ट्र की भिवंडी अदालत ने आरएसएस के एक अन्य कार्यकर्ता द्वारा दायर एक अन्य मामले में गांधी को जमानत दे दी थी। राहुल गांधी ने कहा था कि त्ैै ने महात्मा गांधी की हत्या की है. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें इस तरह की श्सामूहिकश् टिप्पणी के लिए फटकार लगाई थी, और फैसला सुनाया था कि उन्हें मुकदमे का सामना करना होगा और अदालत में अपनी बात साबित करनी होगी।
आरएसएस द्वारा मानहानि के एक और मामले में गुवाहाटी कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत दे दी है। सितंबर 2016 में 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई थी। राहुल के झूठ बोलने के बाद मामला दायर किया गया था कि उन्हें आरएसएस द्वारा दिसंबर 2015 में असम के बारपेटा सतरा में प्रवेश करने से रोका गया था।
किसी संसद सदस्य की दोषसिद्धि पर सदस्यता की हानि पर कानूनी स्थिति
ऽ भारत के सर्वाेच्च न्यायालय ने लिली का निपटान करते हुए 10 जुलाई 2013 के अपने निर्णय में थॉमस बनाम भारत संघ मामले (लोक प्रहरी बनाम भारत संघ के साथ) ने फैसला सुनाया संसद का कोई सदस्य (सांसद), विधान सभा का सदस्य (विधायक) या एक विधान परिषद (एमएलसी) का सदस्य जिसे एक अपराध का दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो वर्ष का कारावास दिया जाता है, सदन की सदस्यता तत्काल प्रभाव खो देता है ।
ऽ यह पहले की स्थिति के विपरीत है, जिसमें सजायाफ्ता सदस्य अपने पद पर बने रहते थे जब तक कि वे निचले, राज्य और सर्वाेच्च न्यायालय में सभी न्यायिक उपायों को समाप्त नहीं कर देते।
ऽ आगे, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(4), जिसने अनुमति दी निर्वाचित प्रतिनिधियों को उनकी सजा की अपील करने के लिए तीन महीने की घोषणा की गई थी न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक और न्यायमूर्ति एस.जे. की खंडपीठ द्वारा असंवैधानिक मुखोपाध्याय।
ऽ सरकार द्वारा निर्णय के बाद प्रतिरोध
ऽ इस निर्णय को पलटने के प्रयास में जनप्रतिनिधित्व (दूसरा संशोधन और मान्यकरण) विधेयक, 2013 को राज्यसभा में पेश किया गया था 30 अगस्त कानून मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा; प्रस्तावित संशोधन द्वारा, सजा के तुरंत बाद प्रतिनिधियों को अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा।
ऽ भारत सरकार ने भी एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बर्खास्त।
ऽ चारा घोटाले के फैसले से कुछ दिन पहले 24 सितंबर, 2013 को सरकार विधेयक को अध्यादेश के रूप में लागू करने का प्रयास किया।
ऽ हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बैठक में कहा था कि अध्यादेश की प्रेस यह पूरी तरह बकवास है। यह फाड़ कर फेंक देना चाहिए।