हिंद स्वराष्ट्र बतौली : छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड के ग्राम करदना में गुरूवार को जन समस्या निवारण शिविर में हंगामा हो गया। चिरगा के एल्युमिनियम प्लांट के विरोध में करीब एक हजार ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर पहुंच गए और अधिकारियों को घेर लिया। करीब चार घंटे तक हंगामा चलता रहा। इसके चलते शिविर की कार्रवाई भी नहीं हो सकी। ग्रामीणों को शक था कि शिविर के बहाने प्लांट की जनसुनवाई आयोजित की गई है। प्रशासन ने दावा किया है कि शिविर में कुछ आवेदन मिले हैं। जिला प्रशासन की ओर से चिरंगा से लगे ग्राम करदना में गुरूवार को जनसमस्या शिविर का आयोजन किया था। चिरंगा में एल्युमिनियम प्लांट का विरोध करने वालों में ग्राम करदना के ग्रामीण भी शामिल हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने करीब एक हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई थी। सुबह 10 बजे प्रशासनिक अफसर गांव पहुंचे तो करीब एक हजार ग्रामीण लाठी-डंडे से लैस होकर पहुंच गए। इसमें चिरंगा सहित कालीपुर, मांजा, लैगू, व करदना के ग्रामीण शामिल थे।
नहीं खोलने देंगे प्लांट
ग्रामीणों ने कहा कि वे मां कुदरगढ़ी एल्यूमिना प्लांट नहीं खोलने देंगे। ग्रामीणों क़ो शक था कि जन समस्या निवारण शिविर के नाम पर चिरगा गांव में खुलने वाले मां कुदरगढ़ी एल्युमिनियम प्लांट के लिए जन सुनवाई आयोजित की जा रही है। शिविर क़ो बाद में जन सुनवाई का शिविर बताकर लोगों का समर्थन ले लिया जाएगा। ग्रामीणों का आरोप है कि ऐसा ही प्रयास बुधवार को ग्राम पंचायत मांजा में हुआ था। करीब एक साल पहले ग्राम पंचायत मांजा में प्लांट की सुनवाई के दौरान विरोध हिंसक हो गया था।
क्यों हो रहा विरोध
मां कुदरगढ़ी एल्युमिनियम प्लांट के लिए चिरंगा में 850 एकड़ जमीन का आबंटन किया गया है। प्लांट से कई किलोमीटर के दायरे में संभावित प्रदूषण को लेकर चिरंगा सहित आसपास के आधा दर्जन गांवों के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। प्लांट की स्थापना के बाद अत्यधिक पानी के उपयोग से माजा नदी का अस्तित्व भी संकट में आ जाएगा, जो ग्रामीणां के कृषि और निस्तार का मुख्य साधन है। इसके कारण चार सालों से ग्रामीण इस प्लांट का विरोध कर रहे हैं।