चोरी की जांच कर लौट रहे TI खुद हो गए चोरी का शिकार, चलती ट्रेन से पिस्टल, कारतूस और वर्दी उड़ा ले गए चोर…

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हिंद स्वराष्ट्र बिलासपुर : अगर किसी के घर चोरी होती है तो हम थाने में जाकर इसकी शिकायत करते हैं। इसके बाद पुलिस उन चोरों को या अपराध करने वालों को पकड़कर उन्हें जेल में डालती है या सजा दिलवाती है। लेकिन क्या हो यदि पुलिस के यहां ही चोरी हो जाए? जी हां, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है।

दरअसल, उत्तरप्रदेश से चोरी की जांच कर लौट रहे टीआई खुद चोरों की चपेट में आ गए। चोरी की जांच के बाद वे ट्रेन से वापस छत्तीसगढ़ लौट रहे थे। लेकिन यह क्या, चलती ट्रेन से चोरों ने उनकी पिस्टल, कारतूस और वर्दी चुरा ली। बताया जा रहा है कि वे दो पुलिसकर्मियों के साथ सारनाथ एक्सप्रेस में लौट रहे थे। टीआई की शिकायत पर बिलासपुर जीआरपी ने मामला दर्ज किया है।

जानकारी के मुताबिक़, ओडिशा के बलांगीर जिले के सदर थाना क्षेत्र के ग्राम मुरसीपाथी के रहने वाले शरूबाबू छत्रिया (46) पुलिस विभाग में निरीक्षक के पद पर काम करते हैं। उनकी संबलपुर थाने में पदस्थ है। उन्होंने थाने में यह शिकायत की है कि वे चोरी के किसी मामले की जांच पड़ताल के सिलसिले में दो आरक्षक दिलेश्वर प्रधान और मिनकेतन घरुआ के साथ उत्तरप्रदेश से लखीमपुर खीरी गए थे। 28 फरवरी को सारनाथ एक्सप्रेस से वे लौट रहे थे।टीआई और आरक्षक ट्रेन के एसी कोच बी-2 में बैठे हुए थे। उन्हें 66 नंबर की सीट मिली थी। प्रयागराज से बिलासपुर तक उनकी टिकट थी। लेकिन रात लगभग 10.30 बजे उन्होंने खाना खाया। इसके बाद उन्होंने सीट के नीचे बैग में वर्दी, टोपी, 9 एमएम पिस्टल और 14 राउंड कारतूस को डिब्बे को रख दिया। पिस्टल में 10 राउंड कारतूस लोड था। रात में सभी सो गए। सुबह जब साढ़े पांच बजे उनकी नींद खुली तो उन्होंने देखा कि उनका बैग गायब था। उस दौरान ट्रेन पेंड्रारोड स्टेशन पहुंचने वाली थी।

अब इस वारदात से सभी जीआरपी थानों में हड़कंप मचा हुआ है। इस मेल को लेकर सभी सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए है। आरपीएफ को भी इसकी सूचना दी गई। उन्होंने भी अब अपने स्तर पर मामले की जांच पड़ताल करनी शुरू कर दी है।

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