हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : छ.ग. की कांग्रेस सरकार द्वारा जारी ओल्ड पेंशन स्कीम की अधिसूचना छ.ग. में कर्मचारियों के लिये अस्पष्ट नियम एंव दिशा निर्देष का पुलिंदा हो गया। शासन द्वारा ओपीएस के संबंध में लिया गया यह फैसला राजनीति से प्रेरित छलावा है, उलझे हुए भ्रामक आदेश को कर्मचारी समझ भी नहीं पा रहे है कि उन्हें क्या करना चाहिए। उपरोक्त कथन करते हुए जिला सह कोषाध्यक्ष भाजपा सरगुजा के सह कोषाध्यक्ष एवं टैक्स अधिवक्ता अभिषेक शर्मा ने कहा कि 2004 से निरतंर लागू एन पी एस को किनारे करते हुए ओल्ड पेंशन स्कीम पर कर्मचारियों से मांगा जा रहा शपथ पत्र कर्मचारियों की मानसिकता पर भी प्रशन खडा कर रहा है , कि क्या सही है एंव क्या गलत।
इस विषय पर छ.ग. के मुख्यमंत्री से अभिषेक शर्मा ने प्रश्नों के जवाब मांगे हैं, उन्होंने कहा है कि
1.) पुरानी पेंशन स्कीम कर्मचारी की प्रथम नियुक्ति की तिथी से लागू है या नहीं?
2.) शासन द्वारा कर्मचारियों से लिये जाने वाले शपथ पत्र (प्रपत्र-2) की कंडिका (1) में उल्लेखित “अतिरिक्त वित्तीय दावा” का स्पष्टीकरण क्या है?
3.) शपथ पत्र (प्रपत्र-2) की कंडिका 5 में उल्लेखित दिशा निर्देष अलग से कब जारी होगा?
4.) राज्य सरकार किन-किन परिस्थतियों में OPS की देयता हेतु कर्मचारियों के लिये प्रतिबद्व है?
5.) PFRDA ACT (पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण) में कौन सा ऐसा प्रावधान है, जिसके तहत NPS में जमा पैसे राज्यों को लौटाया जाएगा जबकि पूर्व की मनमोहन सिंह सरकार द्वारा एनपीएस को ही सर्वोपरि मानते हुए नियम एंव शर्ते कर्मचारीयों पर अधिरोपित किये गए थे?
6.) शपथ पत्र (प्रपत्र-2) के कंडिका क्रमांक 6 में उल्लेखित विकल्प अंतिम एंव अपरिर्वतनीय का स्पष्टीकरण सरकार के परिर्वतनशील होने के विकल्प पर अस्पष्ट है?
7.)OPS हेतु राज्य सरकार बजट की व्यवस्था किन आवश्यक मदो से कटौती कर उपलब्ध करेगी, एवं 2022 के बजट में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बताई गई है,जबकि बहुत सारे कर्मचारी आने वाले समय में पेंशन योग्य है?
8.) कर्मचारी के NPS की राषि PFRDA से वापसी योग्य न होने की दशा में क्या OPS हेतु प्रस्तुत किया गया शपथ पत्र सरकार पर बंधनकारी होगा या नहीं। या ऐसी परिस्थति में 2004 के पश्चात या पुर्व कि नियुक्ति पर ओपीएस स्वंयमय अपास्त मान लिया जाएगा या नहीं?
9.) छ.ग.शासन द्वारा OPS लागू करने के भारतीय रिर्जव बैंक द्वारा प्रदत अनुमति का उल्लेख नियम एंव शर्तो में क्यों नहीं किया गया एंव यह भी अस्पष्ट है कि ओपीएस के संबंध में केन्द्र सरकार या भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा छ.ग. सरकार को क्या दिषा निर्देश दिया गया है?(जबकि भारतीय रिर्जव बैंक द्वारा राज्यों केा OPS लागू करने पर गैर वित्तीय देनदारिया बढने हेतु आगाह किया है।)
10.) आयकर अधिनियम की धारा 80CCD में ली गई छूट जो NPS के तहत स्वीकार्य है, 1/11/2004 से OPS का लाभ लेने पर क्या ली गई छूट शासन को कर के रूप में वापसी योग्य होगी जबकि OPS भूतलक्षी प्रभाव पर प्रभावषील है, एंव राज्य शासन द्वारा कर्मचारी की पूर्व में प्राप्त छूट पर करारोपण का स्पष्टीकरण क्यों नहीं किया गया?
11.) छ.ग. सरकार द्वारा कर्मचारियों से OPS के सबंध शपथ पत्र अनिवार्य रूप से चाहा गया परंतु शपथ पत्र की किसी भी कंडिका में सरकार पर बंधनकारी शब्द का प्रयोग क्यों नहीं किया गया।
12.) छ.ग. सरकार स्पष्ट करे कि शपथ पत्र देने के उपरांत किन-किन नियमों व शर्तो के विरूद्व एक कर्मचारी न्यायालय की शरण ले सकता है,जबकि इसके द्वारा राज्य शासन के पक्ष में अनिवार्यता शपथ पत्र दिया गया हो?
13.) छ.ग. शासन द्वारा अधिसूचना में निहित शब्दावली 1/11/2004 से 31/03/2022 तक नियुक्त का उपयोग किन शतों पर किया जबकि हजारों कर्मचारी 2004 से पूर्व नियुक्त है?
14.) जो कर्मचारी NPS को मान्य करता है, एंव दूसरी ओर एक कर्मचारी OPS को स्वीकार करता है,इनकी सेवानिवृत्ति पर NPS (बाजार निवेष पर आधारित) से प्राप्त राषि,एंव दूसरी ओर सेवानिवृत्ति पर CGPF पर प्राप्त राषि पर तुलनात्मक गणना सरकार स्पष्ट क्यों नहीं करती, एंव सेवानिवृत्ति पर दी जाने वाले राषि पर WHICHEVER IS HIGHER (जो भी ज्यादा हो) शब्द का प्रयोग कर्मचारी के पक्ष में क्यों नहीं करती?
कर्मचारीयों के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए उन्होंने इस आदेश को असंतुष्टिकारक तथा भ्रामक बताया है।