देवशरण चौहान
टेक्नोलॉजी ने क्लीनिंग इंडस्ट्रीज को एक से बढ़कर एक उपकरण दिए हैं लेकिन घरों के बाद ऑफिस, होटल, मॉल या बड़े व्यावसायिक संस्थान में फूल झाड़ू का भी होना जरूरी है। ऐसे में यदि इसकी खेती करने वालों से इसकी भी खरीदी सरकार समर्थन मूल्य पर कर रही है तो यह प्रोत्साहन आगे चलकर पूरे प्रदेश में एक नई तरह की फसल के रूप में पहुंच सकती है। राज्य लघु वनोपज संघ ने वनोपज की सूची में जिन वनोपज को पहली बार शामिल किया है उसमें नया नाम फूल झाड़ू का भी है। समर्थन मूल्य की सूची में शामिल होते ही मरवाही की झाड़ू असम से मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार है।
वर्ष 2018 तक समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली वनोपज की सूची में केवल सात नाम थे। इसमें एक नाम ने सभी को हैरत में डाला है वह है फूल झाड़ू। इसकी खरीदी 40 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर की है। प्रदेश में इसकी आपूर्ति असम से हो रही है। अब प्रदेश में मरवाही के अलावा सरगुजा के कुछ हिस्सों में प्राकृतिक तौर पर इसकी उपज हो रही है।