हिंद स्वराष्ट्र बस्तर : छ्त्तीसगढ़ के बस्तर में खूंखार माओवादी कमांडर हिड़मा जिंदा है। CG-तेलंगाना बॉर्डर पर हिड़मा पुलिस के टारगेट से बचकर निकल गया है। इसकी पुष्टी खुद नक्सलियों के BKASR (भद्राद्रि कोत्तागुड़म अलूरी सीतारामाराजू) डिविजन कमेटी के सचिव आजाद ने की है। आजाद ने तेलगु भाषा में प्रेस नोट जारी किया है। नक्सली लीडर आजाद ने कहा कि, फोर्स ने PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) पर हवाई बमबारी भी की है। गई गांवों में बम गिराए गए हैं। हालांकि, फोर्स की इस कार्रवाई से माओवादी पार्टी और आम जनता को कोई नुकसान नहीं हुआ है। आजाद का कहना है कि, हवाई हमले पर नक्सल संगठन ने भी फोर्स को करारा जवाब दिया है।
IG बोले- गलत आरोप
माओवादियों के हवाई हमले के इन आरोपों के बाद बस्तर के IG सुंदरराज पी ने इसे फोर्स को बदनाम करने की नक्सलियों की साजिश बताया है। IG ने कहा कि, बस्तर में माओवादियों की ताकत अब धीरे-धीरे कम होती जा रही है। उनके पैरों से जमीन खिसक रही है। इसलिए वे बौखलाए हुए हैं।
IG सुंदरराज पी ने कहा कि, इससे पहले भी माओवादी फोर्स पर इस तरह का आरोप लगा चुके हैं। लेकिन, ये आरोपों कभी प्रूफ नहीं हो पाए हैं। IG का कहना है कि, नक्सली कमजोर होते जा रहे हैं। इसलिए अपने कैडर्स का मनोबल बनाए रखने के लिए वे तरह की बातें कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि, मुठभेड़ में हमारे सारे जवान सुरक्षित हैं।
जानिए कौन है माडवी हिड़मा ?
बस्तर के पूर्ववर्ती गांव में रहने वाला माडवी हिड़मा गांव के ही प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई करता था। उस वक्त इलाके में सक्रिय नक्सली ने हिड़मा की एक्टिविटी देख कर उसे नक्सलियों के बाल संघम में भर्ती किया था। हिड़मा की आगे की पढ़ाई नक्सली स्कूल में ही हुई। हिड़मा के फुर्तीले शरीर को देखते हुए नक्सलियों ने इसे अपने LOS ग्रुप में शामिल किया था। हिड़मा की बनाई योजना में माओवादियों को कई सफलताएं भी मिली।
यह नारायणपुर, बीजापुर , गढ़चिरौली में कई सालों तक सक्रिय था। फिर बड़े लीडरों ने कोंटा एरिया कमेटी के जॉइंट प्लाटून का कमांडर बनाया था। वहीं 2007 से लेकर 2021 तक इसने कई बड़ी नक्सल घटनाओं को अंजाम दिया। साथ ही वर्तमान में यह नक्सलियों की मिलिट्री बटालियन नंबर 1 का कमांडर और DKSZC मेंबर भी है। इस पर 25 लाख रुपए से ज्यादा का इनाम घोषित है।