हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : लोक कवि ठाकुर पूरन सिंह की स्मृति में दिए जाने वाले साहित्य के “सूत्र सम्मान“ से इस वर्ष, कवि, लेखक, इतिहासकार डॉ संजय अलंग को सम्मानित करने का निर्णय निर्णायक समिति द्वारा लिया गया है। यह पुरस्कार विगत 25 वर्षों से लगातार दिया जा रहा है और संजय अलंग को दिया जाने वाला पुरस्कार 26 वें वर्ष का है। यह साहित्य का प्रतिष्ठित पुरस्कार है।
सम्मान घोषणा के साथ संजय अलंग की साहित्य में निरंतर सक्रियता को रेखांकित करते हुए कहा गया कि उनकी कविताएँ मिट्टी और जीवन से उर्वर हुई कविताएँ हैं। कविता संग्रह ‘नदी उसी तरह सुन्दर थी जैसे कोई बाघ’ में कविताओं ने जीवन का आख्यान रचा। वे सहज भी हैं। यह भी कहा कि संजय अलंग ने छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति और इतिहास पर लगातार और महत्वपूर्ण कार्य किया।
ज्ञातव्य है कि डॉ संजय अलंग के तीन कविता संग्रह शव, पगडंडी छिप गई थी (यह संग्रह छत्तीसगढ़ पर एकाग्र है) और नदी उसी तरह सुन्दर थी जैसे कोई बाघ प्रकाशित हो चुकी है। उन्हें कविता के दिनकर सम्मान, श्रीकांत वर्मा सम्मान आदि सहित कई सम्मान मिल चुके हैं।
डॉ संजय अलंग एक आई.ए.एस. अधिकारी भी हैं और वर्तमान में बिलासपुर व सरगुजा संभाग के कमिश्नर हैं।