मां कुदरगढ़ी एल्यूमिना रिफाइनरी फैक्ट्री के विरोध में ग्रामीणों का हल्ला बोल….कलेक्टर से अपनी फरियाद लेकर पहुंचे ग्रामीणों को मिला कलेक्टर सरगुजा का साथ….

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हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : चिरंगा में लग रहे मां कुदरगढ़ी एलुमिना रिफाइनरी फैक्ट्री के विरोध में हजारों की संख्या में ग्रामीण एकत्रित होकर अंबिकापुर पहुंचे। जहां अचानक इतनी भारी संख्या में लोगों को इकट्ठा होते देख लोगो में भी कोतुहल मच गया और जिला प्रशासन भी भीड़ को मद्देनजर सजग रहा और भीड़ को कलेक्ट्रेट से पहले ही कला केंद्र मैदान में ही रोक दिया गया। कला केंद्र मैदान में ही ग्रामीणों की समस्या सुनने अपर कलेक्टर के.एल. ध्रुव और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला पहुंचे जहां ग्रामीणों ने अपनी समस्या उनके समक्ष रखी।

जाने क्या है पूरा मामला

दरअसल 2 वर्ष पूर्व दिनांक 08/08/2020 को ग्रामसभा बनाकर पंचायत की जमीन को उद्योग व्यापार विभाग अंबिकापुर को दिए जाने का प्रस्ताव चिरंगा पंचायत द्वारा पास कर दिया जाता है, जिसके बाद उद्योग व्यापार विभाग अंबिकापुर द्वारा उक्त जमीन को लीज पर मां कुदरगढ़ी एलुमिना रिफाइनरी फैक्ट्री को सौंप दी जाती है। जिसके बाद फैक्ट्री का विरोध ग्रामीणों द्वारा किया जाता है और उनके द्वारा हाई कोर्ट बिलासपुर में फर्जी ग्रामसभा के विरुद्ध याचिका दायर की जाती है, हाई कोर्ट द्वारा सरगुजा कलेक्टर को ग्राम सभा के जांच के आदेश दिए जाते हैं जिसके बाद तत्कालीन सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा द्वारा ग्राम सभा के जांच के आदेश एसडीएम सीतापुर अनमोल विवेक टोप्पो को दिए जाते हैं। जहां एसडीएम सीतापुर द्वारा जांच में लीपापोती करते हुए कुछ ग्रामीणों को अपने ऑफिस में बुलाकर ग्रामसभा के संबंध में शपथपत्र भरवाया जाता है, एसडीएम द्वारा जिन 8 ग्रामीणों से शपथपत्र लिया जाता है उन सभी द्वारा अपने आप को उक्त ग्रामसभा का अध्यक्ष मनोनीत होना बताया जाता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब ग्राम सभा हुई तो सभी ग्रामीणों को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई?

एसडीएम की जांच भी संदेहास्पद है क्योंकि एक सभा में 8 अध्यक्ष कैसे मनोनीत हो सकते हैं??

सरगुजा कलेक्टर से मिले आश्वासन के बाद ग्रामीणों में दिखा उत्साह

सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार द्वारा इतनी भारी भीड़ को कलेक्ट्रेट हमें अपनी समस्याओं को लेकर आते देखकर इस मामले को तत्काल संज्ञान में लिया ग्रामीणों ने भी कलेक्टर से मिले बगैर वापस जाने से इंकार कर दिया जिसके बाद कलेक्टर और ग्रामीणों के बीच लगभग 2 घंटे की बैठक हुई जहां ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को कलेक्टर के सामने रखा जिसके बाद जब ग्रामीण बाहर है तो वे काफी उत्साहित नजर आए उन्होंने बताया कि सरगुजा कलेक्टर द्वारा उन्हें यह आश्वासन दिया गया है कि अगर ग्रामवासी नहीं चाहेंगे तो कंपनी नहीं खुलेगी। जिसके बाद ग्रामीण काफी उत्साहित नजर आए।

इतनी भारी संख्या में ग्रामीण पिकअप वाहन में सवार होकर अंबिकापुर पहुंचे थे जिसे देखते हुए कलेक्टर द्वारा उन्हें घर वापस भेजने के लिए 3 बसों की व्यवस्था कर दी गई।

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