Big Breaking: रिफाइनरी कंपनी के विरोध में एकजुट हुए 5 गांव के आदिवासी… जानें क्या हैं पूरा मामला…

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हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर: बतौली क्षेत्र के चिरगा ग्राम पंचायत में मां कुदरगढ़ी एल्यूमिना रिफाइनरी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अपने प्रोजेक्ट के लिए आदिवासियों के जमीन का अधिग्रहण शुरू कर दिया हैं। इस प्रोजेक्ट को लेकर ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं और इसका भरपूर विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप हैं की इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण गैर कानूनी तरीके से किया गया हैं और वे इस प्रोजेक्ट को शुरू होने नही देंगे। ग्रामीणों का आरोप हैं कि जिस जमीन को लेकर के विवाद हो रहा हैं वह जमीन भूमि पहाड़ चट्टान मद की जमीन थी जिसे बिना ग्राम सभा किए ही सरपंच और सचिव की मिलीभगत से उद्योग विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया हैं।

एसडीएम पर भी लगे गंभीर आरोप

ग्रामीणों ने बताया की यह मामला हाई कोर्ट तक जा चुका हैं हाई कोर्ट से कलेक्टर सरगुजा को जांच के आदेश दिए गए थे। जिस पर कलेक्टर द्वारा एसडीएम सीतापुर को मामले के जांच की जिम्मेदारी दी थी। लेकिन ग्रामीणों का आरोप हैं की एसडीएम सीतापुर अनमोल टोप्पो द्वारा मौका जांच ना करते हुए बल्कि कुछ लोगो को अपने ऑफिस में बुलाकर के फर्जी तरीके से जांच पूरी कर ली। जबकि ग्रामीणों द्वारा जब जांच रिपोर्ट की नकल निकली गई तो जांच रिपोर्ट में 08/08/2020 को हुई ग्रामसभा के समर्थन में 8 लोगो के सपथपत्र मिले जिसमे सभी द्वारा खुद को उक्त ग्राम सभा का अध्यक्ष बताया गया।

एसडीएम सीतापुर द्वारा किए गए जांच की सत्यता कितनी थी इस बात का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि ना तो सीतापुर एसडीएम द्वारा मौका पर जाकर जांच किया गया, नही सभी ग्रामीणों को इसके बारे में सूचना दी गई बल्कि कुछ चुनिंदा लोगों को अपने ऑफिस में बुलाया गया और उनसे शपथ पत्र लिया गया। शपथ पत्र भी ऐसा था कि जिसमें आठ के आठ अध्यक्ष थे।

जमीन अधिग्रहण के लिए किए जा रहा धांधली

ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी द्वारा जमीन के अधिग्रहण के लिए कई प्रकार की धांधली की जा रही है एक ग्रामीण ने बताया कि उसकी जमीन को उसके समान नाम के व्यक्ति द्वारा बेच दिया गया। जबकि ग्रामीण के पास मौजूद पट्टे में जमीन बिक्री का कोई जिक्र नहीं हैं। वही एक ग्रामीण महिला द्वारा बताया गया की उसकी जमीन जो उसके पूर्वजों द्वारा खरीदी गई थी जिसका पट्टा भी उसके पास मौजूद हैं उस जमीन को उस जमीन के पूर्व मालिक द्वारा कंपनी को बेच दिया गया हैं जबकि वह जमीन पूर्व में ही महिला द्वारा खरीद लिया गया था।

ऐसे सिर्फ दो मामले नही हैं बल्कि वहां ऐसे सैकड़ों मामले हैं जिसमे ग्रामीणों के साथ धोखेबाजी कर छलकपट करके उनकी जमीनों को छीन लिया जा रहा हैं।

राज्यपाल से लेकर मंत्री तक शिकायत पर नही मिल पाया न्याय

ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 2 वर्षों से उनके द्वारा मदद के लिए राज्यपाल से लेकर के मंत्री विधायकों तक गुहार लगाई जा चुकी हैं लेकिन आज पर्यंत किसी नेता या मंत्री द्वारा यहां तक की कलेक्टर द्वारा भी इस मामले को संज्ञान में नहीं लिया गया है और ग्रामीणों की कोई मदद नहीं की गई है। बस सभी ग्रामीण एकजुट है और एकजुटता को ही अपना ताकत समझ कर अपनी लड़ाई लड़े जा रहे हैं।

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