हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : लर्निंग टेबलेट (ऑनलाइन क्लास) का फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर शहर के एक व्यक्ति से वर्ष 2019 में 2 लाख 54 हजार 500 रुपए की ठगी की गई थी। राशि जमा करने के बाद भी न तो उसे लर्निंग टेबलेट दिया गया और न ही उसे पैसा वापस किया गया। पीडि़त ने रुपए वापस करने कई बार कंपनी को ईमेल के जरिए सूचित किया। कंपनी की ओर से यह जवाब भ भी दिया गया कि रुपए वापस कर दिए जाएंगे लेकिन नहीं किए। थक-हारकर पीडि़त ने इसकी रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को झारखंड के रांची से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। अंबिकापुर निवासी हरजिन्दर सिंह छाबड़ा की मुलाकात 5 जून 2019 को नवीन डे से हुई थी। नवीन डे पूर्व में एक कंपनी में काम करता था। उसके द्वारा हरजिन्दर को लर्निंग टेबलेट कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनने का कहा गया। कंपनी द्वारा ऑनलाइन एजुकेशन का कार्य किया जाता है।
इसके झांसे में आकर कंपनी के दिए गए खाते में 2 लाख 54 हजार 500 रुपए डाल दिए थे। कंपनी द्वारा उक्त रकम के एवज में 20 लर्निंग टेबलेट दिया जाना था। उक्त राशि का भुगतान करने के पश्चात भी कंपनी द्वारा कोई टैबलेट नहीं भेजा गया। हरजिन्दर द्वारा कई बार ईमेल के माध्यम से कंपनी को अवगत कराया गया कि मुझे उक्त कार्य का निष्पादन नहीं करना है। इस पर कंपनी द्वारा कहा गया कि आपकी पूरी जमा राशि आपके खाते में वापस कर दी जाएगी। इसके बावजूद कंपनी द्वारा कोई राशि उसे नहीं लौटाई गई। परेशान होकर हरजिन्दर ने इसकी रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज कराई थी।
झारखंड से पकड़ा गया आरोपी
ठगी के इस मामले में एसपी भावना गुप्ता द्वारा आरोपी की पता तलाश हेतु सख्त निर्देश दिए गए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला व सीएसपी अखिलेख कौशिक के नेतृव में निरीक्षक विजय प्रताप ङ्क्षसह ने सायबर सेल द्वारा आरोपी मुख्य आरोपी रणधीर कुमार प्रियदर्शी को झारखंड के रांची से गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने इसके पास से 4 नग लर्निंग टैबलेट व एक एप्पल का लैपटॉप जब्त किया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई कर जेल दाखिल कर दिया है। कार्रवाई में निरीक्षक भारद्वाज सिंह, प्रधान आरक्षक सुधीर सिंह, आरक्षक अंशुल शर्मा, अशोक यादव, कुंदन सिंह व शिव राजवाड़े शामिल रहे।
आरोपी देता है ऑनलाइन एजुकेशन
आरोपी रणधीर कुमार प्रियदर्शी बेसिक फस्र्ट लर्निंग प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी संचालित करता है। उक्त कंपनी द्वारा ऑनलाइन एजुकेशन का कार्य संपादित कराता है। आरोपी द्वारा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अलग-अलग राज्यों में फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर ठगी की जाती है।