हिंद स्वराष्ट्र जशपुर : आपदा प्रबंधन विभाग की लापरवाही से कई जिंदगियां अपनी जान से हाथ धोती हुई नजर आ रही हैं। जशपुर जिले से हर हफ्ते आकाशीय बिजली गिरने से मौतों के आंकड़े सामने आते हैं कभी पशु तो कभी इंसान अपनी जान गवाते हुए नजर आते हैं। आकाशीय बिजली से रोकथाम के लिए आपदा प्रबंधन विभाग को कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता हैं लेकिन यहां यह विभाग गहरी निद्रा में लीन नजर आ रही हैं शायद यही कारण हैं कि न तो इनके द्वारा लोगो मे जागरूकता फैलाने कोई कैंपेन चलाया जा रहा हैं और न ही आकासीय बिजली से बचने तड़ित चालक लगवाए जा रहे हैं।
एक तड़ित चालक लगाने में 25 हजार होते हैं खर्च – तड़ित चालक लगाने के लिए नियम – कायदे है। इसके लिए 6 से 8 फ़ीट के गहरा गड्ढा खोदना पड़ता है। जिसमे दो बाई दो कॉपर प्लेट लगाना पड़ता है। जिसमे से लोहे का तार अर्थिंग के रूप निकालना पड़ता है। वही गड्ढे में एक क्विंटल नमक एवं एक क्विंटल कोयले की आवश्यकता होती है।जिसे कई लेयरों में बिछाना पड़ता है। गड्ढे के ऊपर में नमी बनाए रखने लिए रेट और मिटटी डालनी पड़ती है। अर्थिंग से लोहे का राड निकालकर बिल्डिंग से ऊँचा 14 फ़ीट तड़ित चालक लगाना होता है। तड़ित चालक की रेंग 50 – 60 मीटर तक गिरने वाले बिजली को कैच करेगा। यह सिस्टम बनाने लगभग 25 हजार खर्च आएगा।
घरों में भी लगवाया जा सकता हैं यह यंत्र
इसमें एक रॉड घर के ऊपर लगवानी होती है और एक जमीन में गहरा गड्ढा करके लगाई जाती है। इस गड्ढे को आपको मिट्टी और इसके साथ एक कैमिकल कमाउंड से भरना होता है और उसका कनेक्शन घर की छत पर लगी रॉड से होता है और बिजली गिरने की स्थिति में इससे बिजली की पूरी पावर जमीन में चली जाती है। इसका कनेक्शन किसी भी इलेक्ट्रिशियन के द्वारा करवा सकते हैं। इसमें लगभग 5 हजार रुपए का खर्च आता हैं।