प्रतापपुर हिंद स्वराष्ट्र समाचार पत्र विशेष संवाददाता
जनपद पंचायत प्रतापपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत चंदौरा के एक वृद्ध सोधन मरावी पिता शिवधारी जिसकी उम्र उसके आधार कार्ड के अनुसार 72 वर्ष हो चुकी है। फिर भी यह वृद्ध अभी तक मुख्यमंत्री पेंशन योजना के लाभ से वंचित है। वृद्ध ने बताया वह पेंशन शुरू कराने को लेकर कई बार गांव के सचिव से गुहार लगा चुका है पर सचिव द्वारा सिवाय आश्वासन के आज तक कुछ नहीं दिया गया। वृद्ध ने बताया कि उसकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी है तथा वह मवेशियों को चराने का कार्य करता है, बीपीएल कार्ड भी है जिससे प्रति माह 10 किलो चावल तो मिल रहा है पर साथ ही पेंशन भी मिलती तो तो उसे रोजमर्रा के जरुरी सामान खरीदने में भी कुछ मदद मिल जाती। बड़ा ही अफसोस का विषय है कि एक तरफ तो प्रशासनिक स्तर पर मुख्यमंत्री पेंशन योजना में कोई कोताही न बरतने के लगातार निर्देश दिए जाते हैं पर पंचायत के जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती। हैरत कि बात तो यह है कि वृद्ध का 2011 कि सर्वेक्षण सूची में नाम होने के बावजूद भी सचिव की लापरवाही से उसे पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा।
2011 कि सर्वे सूची के आधार पर बनती है पेंशन
सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत प्रारंभ की गई इस योजना में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 की सर्वे सूची के आधार पर सूचीबद्ध किए गए वरिष्ठ नागरिकों को लक्षित कर लाभ देने के निर्देश दिए गए हैं। इस योजना में 60 वर्ष या उससे अधिक के वृद्धजनों को पेंशन का पात्र माना गया है। जिसमें प्रति माह 350 रुपए पेंशन देने का प्रावधान रखा गया है। तथा यह योजना वर्तमान में संचालित राष्ट्रीय व राज्य की पेंशन योजनाओं के अतिरिक्त है।