10 बिस्तरीय आइसोलेशन वार्ड मामला : ग्रामीण यांत्रिकी सेवा की टीम ने की जांच, नही हुई छत की ढलाई लेकिन ढकार गए मलाई…

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हिंद स्वराष्ट्र अंबिकापुर जिला सीईओ के आदेश के बाद ग्रामीण यांत्रिकी सेवा की एक टीम ने मौके का निरीक्षण किया और मौके पर उन्हें भी सीजीएमएससी की करतूत दिखी है,मिली जानकारी के अनुसार जब ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के एसडीओ और इंजीनियरों के द्वारा मौके का निरीक्षण किया तो कार्यवाही के डर से अभियंता साहब अपने कारनामे को छुपाने के लिए आनन फानन में आइसोलेशन वार्ड की ढलाई के लिए तैयारी कर रहे हैं, अभी जब आइसोलेशन वार्ड की ढलाई की तैयारी चल रही है तो फिर इस ढलाई की राशि का आहरण कैसे किया गया। इस धांधली में सीजीएमएससी अभियंता मृत्युंजय साहू का सबसे अहम भूमिका है क्योंकि क्या उन्हे इस बात की जानकारी नहीं थी कि आइसोलेशन वार्ड नर्मदापुर और कमलेश्वरपुर में ढलाई नही हुई थी क्या सीजीएमएससी के इंजीनियर मृत्युंजय साहू को इस बात की जांच पेमेंट करने से पहले नही की जानी चाहिए थी..? इस कारनामें में एक सवाल सामने आ रही है की क्या सीजीएमएससी के अभियंता पद पर बैठे मृत्युंजय साहू अयोग्य है जो उन्हें किसी चीज की जानकारी नहीं रहती है या फिर वो भ्रष्टाचार में डूबे वो माहिर व्यक्ति हैं जो अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लगभग 10 लाख रुपए ढकार गए, लेकिन आखिर जब वहां ढलाई हुई ही नहीं थी और इस बात को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के इंजीनियरों की टीम ने भी प्रमाणित किया है फिर वो दस लाख रुपए कहां गबन कर गए साहू जी। बिल्डिंग में किसी भी स्टेज के पेमेंट के लिए फोटो और अन्य दस्तावेजों की जरूरत होती है तब फिर कैसे पैसे खा गए साहू जी । जब हमारे संवाददाता के द्वारा मृत्युंजय साहू से इस मामले में जानकारी के लिए फोन किया गया तो वो इस मामले से पूरी तरह बचते नजर आए साथ ही उन्हें इस मामले में अपने संविदा पोस्ट का हवाला देते हुए इस पूरे मामले पर बयान देने से इंकार कर दिया, लेकिन अभियंता महोदय ने इस मामले को निराधार तक नही बताया जिससे यह साबित होता है की उनको भी पता है को उनके घोटाले की पोल खुल चुकी है अब इस मामले में कुछ बोलना उचित नहीं होगा।

इस पूरे मामले में जब पोल खुलती नजर आ रही है तो सीजीएमएससी के ठेकेदार खुदको और अपने साहब को बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं,और ढलाई की कोशिश कर रहे हैं,आज कुछ तस्वीर और वीडियो हैं जो इस बात को प्रमाणित करते हैं की ये डर सबको लगता है और उस डर में काम कैसे होता है

छत की ढलाई की हो रही तैयारी लेकिन पैसा पहले ही खा चुके अधिकारी
वीडियो स्पष्ट दिख रहा काम चल रहा है ढलाई होना अभी बाकी है
काल्पनिक रूप से ढलाई हो चुके छत पर छड़ बांधते मजदूर
आज युद्धस्तर पर कर रहे ढलाई की कोशिश

इस पूरे मामले पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा की यह रिपोर्ट की बिल्डिंग आधी अधूरी है काफी अहम है क्योंकि इसी आइसोलेशन वार्ड की बिल्डिंग को कंप्लीट बताकर ढलाई के पैसे निकाल लिए गए हैं।
इस पूरे मामले ने सीजीएमएससी विभाग की पूरी पोल खोल कर रख दी है अब आगे इस मामले में और खुलासे होते हैं तो मृत्युंजय साहू के अलावा और भी बड़े नामों के खुलासे की उम्मीद की जा सकती है

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