आजादी के बाद पहली बार देश में अनाज पर टैक्स,आंदोलन की तैयारी में कारोबारी

0

सोमवार से आटा, चावल और अन्य खाद्य वस्तुओं को पहली बार टैक्स के दायरे में लाया गया और इनकी कीमतें बढ़ गईं। आजाद भारत में अनाज पर पहली बार टैक्स लगा है। वहीं अब इसके खिलाफ कारोबारी देशव्यापी प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि खाद्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने से महंगाई बढ़ेगी और इसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ेगा।
एक करोड़ से अधिक छोटे दुकानदारों और थोक विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के अध्यक्ष प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि खाद्य उत्पादों पर 5 प्रतिशत जीएसटी और अन्य घरेलू वस्तुओं पर टैक्स में वृद्धि ने जनता और व्यापारियों पर महंगाई का बोझ बढ़ा दिया है। पहले से पैक और लेबल किए हुए दही, लस्सी और मुरमुरे (मुरी) जैसी रोजमर्रा की खपत वाली वस्तुओं पर अब 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा।विपक्ष ने भी सरकार के इस कदम का विरोध किया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर खाद्य वस्तुओं पर टैक्स को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक पोस्टर शेयर कर बताया कि किन वस्तुओं पर जीएसटी लगाई गई है और लिखा, “उच्च कर, कोई नौकरी नहीं! दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक को कैसे नष्ट किया जाए, इस पर भाजपा का मास्टरक्लास।”
अनाज और घरेलू सामान सहित कई उत्पादों पर करों में बढ़ोतरी के खिलाफ व्यापारी और दुकानदार अगले सप्ताह देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।बता दें कि पहले केवल ब्रांडेड कंपनियों के आटे, चावल और अन्य वस्तुओं पर जीएसटी लगता था। सोमवार को जब विरोध बढ़ा, उसके बाद वित्त मंत्रालय ने जीएसटी को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया। मंत्रालय ने बताया कि जीएसटी उन खाद्य वस्तुओं पर लगाई गई है, जिसका वजन 25 किलो से कम है। अगर व्यपारी 25 किलो या उससे अधिक का सामान लेकर उसे खुदरा वास्तु के रूप में बेंचे, तो उसपर कोई जीएसटी नहीं लगेगा।
खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी को लेकर सोमवार को बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “आज से दूध, दही, मक्खन, चावल, दाल, ब्रेड जैसे पैक्ड उत्पादों पर जीएसटी लागू है। रिकार्डतोड़ बेरोजगारी के बीच लिया गया यह फैसला मध्यमवर्गीय परिवारों और विशेषकर किराए के मकानों में रहने वाले संघर्षरत युवाओं की जेबें और हल्की कर देगा। जब ‘राहत’ देने का वक्त था, तब हम ‘आहत’ कर रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here