हिंद स्वराष्ट्र प्रतापपुर आज से 6 महीने पहले एक हथनी की मौत बिजली की तारों में चिकपने के कारण होती है,मीडिया की दखल के बाद 6 महीनो के गहन जांच के बाद जांच अधिकारी के द्वारा जांच रिपोर्ट सौंपी गई लेकिन अबतक किसी को इस रिपोर्ट की सुध लेना का फुरशत नही है।आखिर इतने दिनो तक जांच रिपोर्ट देने के बाद भी आजतक वन विभाग के उच्च अधिकारी आखिर क्यो कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं,क्या वन विभाग की कोई मिली भगत है या वो इस मामले को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं आखिर ऐसी क्या बात है जो एक हथनी को वन विभाग इंसाफ नहीं दिला पा रहा है।
आम आदमी का मामला होता तो हो चुकी होती कार्यवाही
यह मामला एक सरकारी विभाग और दूसरे सरकारी विभाग का है इस लिए इस मामले में इतनी शांति है नही तो वन विभाग आम आदमी को पकड़कर फोटो खींचकर अपनी वाह वाही करा चुका होता। अब इंसाफ के मायने भी शायद अलग अलग हैं क्योंकि जिनके पास पैसा है उनके लिए यह सुविधा मिलेगी।
रेंजर की मौन सहमति या कर रहे हैं बहाना..?
इस मामले में रेंजर साहब काम का बहाना बता कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं लेकिन रेंजर साहब को हथनी की मौत के मामले इंसाफ का जिम्मा भी मिला है क्योंकि मामला उनके रेंज का है,बाबजूद इसके वो दूसरे काम कर रहे हैं और हथनी वाले में को आजतक जांच रिपोर्ट तक नहीं पढ़ पाए है तो ऐसे में सवाल उठता है की क्या ऐसे अधिकारियों के भरोसे मिलेगा हथनी को इंसाफ या मौन सहमति देकर दबा दिया जाएगा मामला।