हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : नई दिल्ली तक ट्रेन चलाए जाने की बहुप्रतीक्षित मांग 14 जुलाई को समाप्त हो जाएगी। 15 सालों पहले ‘रेलवे संघर्ष समिति’ ने इसके लिए आवाज उठाई थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर ‘सरगुजा मांगे रेल विस्तार’ शीर्षक से लगातार मांग उठ रही थी। इसी बीच सरगुजा सांसद एवं केंद्रीय जनजातीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स पर इसकी जानकारी साझा की है। यह खबर मिलते ही सरगुजावासियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। अब सरगुजावासियों के लिए भी दिल्ली दूर नहीं होगी। 15 वर्षों से चली आ रही ये मांग 14 जुलाई को पूरी होने वाली है। इसकी पुष्टि सरगुजा सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने भी की है। 15 साल पहले सरगुजा रेलवे संघर्ष समिति द्वारा अंबिकापुर से दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन शुरु किए जाने की मांग की गई थी।
इसके लिए कई आंदोलन भी हुए। अंतत: लोगों का सपना साकार हुआ और 14 जुलाई से अंबिकापुर से दिल्ली ट्रेन शुरु करने की घोषणा की गई। यह घोषणा सरगुजावासियों के लिए बड़ी सौगात है।
डेढ़ दशक पहले उठी थी आवाज़
पूर्व सांसद लरंगसाय ने उत्कल एक्सप्रेस में एक स्लीपर बोगी (कनेक्टिंग) अपने प्रयासों से जुड़वाई थी। जो बिश्रामपुर से सीधे दिल्ली तक जाती थी। इसे 2001 के आसपास बंद कर दिया गया था। 2008 के आसपास दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन चलाए जाने की मांग रेलवे संघर्ष समिति ने देवेश्वर सिंह के नेतृत्व में शुरू की थी। 2015 में तात्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु से छत्तीसगढ़ के आधा दर्जन सांसदों के हस्ताक्षरित पत्र के साथ समिति के सदस्यों ने मुलाकात भी की थी। इसके बाद से ही ये मांग लगातार उठती रही।
इस ट्रेन से मिलने वाले लाभ
1- देश की राजधानी से वनांचल के लोगों का सीधा जुड़ाव
2- व्यापार के लिए ट्रेनों को बदलने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी
3- इलाज ले लिए दिल्ली जाने वालों को काफी सहूलियत
4- शिक्षा प्राप्त करने दिल्ली जाने वाले युवाओं को सहूलियत
5- राजनैतिक दृष्टिकोण से भी नेताओं को दिल्ली पहुंचना आसान होगा।
पीएम मोदी का आश्वासन सही होता आ रहा नजर
अटल जी के समय से हम दिल्ली ट्रेन के लिए प्रयास कर रहे थे। सभी सरगुजावासियों को बधाई। रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी से संसद भवन में भी मांग की गई थी। कोविड काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी मेरे पास कॉल आया था। तब भी मैंने दिल्ली ट्रेन की मांग की थी। उन्होंने जो आश्वासन दिया था वह सही होता नजऱ आ रहा है।
देवेश्वर सिंह, अध्यक्ष रेलवे संघर्ष समिति