छत्तीसगढ़ में सरकार दावा करती है कि गरीबों को न्याय मिल रहा है। प्रदेश के गरियाबंद जिले से जो तस्वीर सामने आई है, उसे देखकर आप जमीनी हकीकत को समझ सकते हैं। एक बुजुर्ग महिला अपनी ऋण पुस्तिका के लिए अधिकारी के पैरों पर गिर गई। उसका आरोप था कि इसके लिए बाबू रिश्वत की मांग कर रहा है। महिला की बातों को सुनकर अधिकारी कलेजा भी पसीज गया। तहसीलदार ने महिला को भरोसा दिया है कि आपका काम हो जाएगा।
हिंद स्वराष्ट्र गरियाबंद : जिले के देवभोग में लिपिक बुजुर्ग महिला की ऋण पुस्तिका नहीं दे रहा है। इसके लिए वह आदिवासी महिला से रिश्वत की मांग कर रहा है। महिला के पास इतने रुपये नहीं है कि वह लिपिक को रिश्वत दे। इसके बाद महिला अपनी फरियाद लेकर अफसर के पास पहुंची। अफसर के सामने महिला पहले हाथ जोड़ती है। इसके बाद वह रोने लगती है और पैर पर लोट जाती है। देवभोग में कलेक्टर के दौरे की जानकारी मिलने के बाद 60 वर्षीय महिला सुंदरमणि आवेदन लेकर विश्राम गृह पहुंची। दौरे के बाद कलेक्टर विश्राम गृह आने के बजाए व्यस्तता के कारण वापस मुख्यालय लौट गए। वहीं, आवेदन लेकर कलेक्टर का इंतजार करती रही। बुजुर्ग के पास तहसीलदार पहुंचे। अधिकारी को देखकर महिला फफक कर रो पड़ी। महिला गिड़गिड़ाते हुए अफसर के पैर पर गिर गई। उसने बताया कि गुम हो चुके ऋणपुस्तिका के लिए आवेदन की प्रक्रिया नायब तहसीलदार के दफ्तर में पूरी हो गई है। वहां का बाबू पुस्तिका देने के लिए पैसे मांग रहा है। प्रक्रिया के नाम पर पहले ही महिला ने बाबू को 1700 रुपये दे दिए थे। मामले में तहसीलदार ने तत्काल पीड़िता को दफ्तर ले जाकर पुस्तिका बनवा कर दी। रिश्वत मांगने वाले बाबू को नोटिस भी थमाया गया है।
सुंदरमणि ने कहा कि ऋण पुस्तिका लेने के लिए कई महीनों से चक्कर लगा रही थी। बाबू मुझसे पैसे की मांग कर रहा था। मैंने इसकी शिकायत तहसीलदार साहब को की है। तहसीलदार समीर शर्मा ने कहा कि जिले में कलेक्टर का आगमन हुआ था। उस समय एक महिला ने शिकायत की है कि ऋण पुस्तिका के लिए काफी समय से आ रही है और उसकी पेशी भी कई बार हो चुकी है। ऋण पुस्तिका नहीं मिलने पर बाबू की शिकायत की है। बाबू को नोटिस जारी करके लिखित में जानकारी मांगी गई है। बुजुर्ग महिला को ऋण पुस्तिका प्रदान की गई।