मौत से पहले युवक ने SDM, तहसीलदार व SHO पर लगाया जलाने का आरोप..

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हिंद स्वराष्ट्र : अलवर मालाखेड़ा के चांदपहाड़ी गांव में बीते सोमवार 13 जून को कथित तौर पर खुद को आग लगाने वाले युवक करण सिंह (40) पुत्र मंगतूराम की कल शनिवार शाम को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में मौत हो गई हैं। मौत से पहले करण ने एसडीएम, तहसीलदार व थानेदार पर आरोप लगाया कि उन्होंने उसे जला दिया हैं।

प्रशासन ने बताया था खुद ने लगाई आग
बता दें कि सोमवार 13 जून को पुलिस व प्रशासन की टीम अलवर के चांद पहाड़ी गांव में जमीन से कब्जा हटाने गई थी। इस दौरान विरोध कर रहे करण सिंह गुर्जर ने कथित तौर पर खुद को आग लगा ली। इसके बाद उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल लाया गया। कल शाम इलाज के दौरान करण ने दम तोड़ दिया। परिजनों का कहना है कि करण ने खुद ने आग नहीं लगाई, बल्कि पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने उसे आग के हवाले किया। यही बयान मृतक ने मौत से पहले दिया।

वहां पेट्रोल की बोतलें मिली
चांद पहाड़ी गांव में मौके पर कार्रवाई करने गई पुलिस को पेट्रोल की बोतलें भी मिली थी। झोंपड़ी को भी आग लगाई गई थी। पुलिस-प्रशासन का आरोप है कि युवक ने खुद ऐसा किया। जबकि मृतक के परिजन भी पुलिस प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं। इस कारण अब यहां विरोध बढ़ने की आशंका है। जिसे देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं।

करीब 4 बीघा 8 बिस्वा जमीन पर कब्जा
जिस जमीन पर टीम अतिक्रमण हटाने गई थी वह 1975 में कन्हैया नाम के व्यक्ति को अलॉट कर दी गई थी। करण सिंह के भाई ने बताया कि मंगतूराम व उसके परिवार का गांव में गैर खातेदारी जमीन पर 45 साल से अधिक समय से कब्जा है। अब प्रशासन इस जमीन से कब्जा हटाने आया था। मौके पर उसके भाई को जला दिया गया।

एसडीएम ने कहा कोर्ट के आदेश
एसडीएम अनुराग हरित ने उसी दिन बताया था कि कोर्ट के आदेश पर चांद पहाड़ी एरिया में अतिक्रमण हटाने गए थे। मौके पर कार्यवाही से पहले ही करण सिंह ने आत्मदाह का प्रयास किया। टीम की ओर से उसे बचाने का भी प्रयास किया गया। मृतक के भाई का आरोप है कि जिस जमीन पर प्रशासन की टीम कब्जा हटाने गए थी, उसे प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली के भाई ने खरीदा है। इस मामले पर मंत्री टीकाराम जूली ने कहा है कि उनका या उनके परिवार का इस जमीन या मामले से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है।

यह था मामला
अलवर तहसीलदार ने बताया कि 183-बी के आदेश पर कार्रवाई की जानी थी। जमीन से कब्जा हटाने के लिए तहसीलदार कोर्ट से अगस्त 2016 में फैसला आया था। कब्जेधारियों ने रेवेन्यू कोर्ट में अपील की थी। लेकिन उनकी अपील खारिज हो गई थी। हाल में एससी आयोग के चेयरमैन अलवर आए थे। इस दौरान उन्होंने ऐसे अवैध कब्जे हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद इस जमीन पर कब्जा हटाने के लिए सोमवार को टीम पहुंची थी। उन्होंने बताया कि 1.94 हैक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा था।

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