नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से प्रवर्तन निदेशालय ने तीन बार पूछताछ किया है। बुधवार को जांच एजेंसी ने राहुल गांधी से 9 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। कल फिर उन्हें पूछताछ के लिए ईडी ने समन किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस पूछताछ के दौरान राहुल गांधी से कई सवाल किए गए हैं। ऐसे ही एक सवाल के जवाब में उन्होंने ईडी को बताया कि मोतीलाल वोरा एजेएल और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के बीच सभी वित्तीय लेनदेन देखते थे। इन रिपोर्ट्स पर दिवंगत मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा भड़क गए और उन्होंने कहा कि वे ऐसा नहीं कर सकते हैं।
अरुण वोरा ने कहा कि ये आरोप निराधार हैं, कांग्रेस नेतृत्व गलत नहीं हो सकता, न वोराजी। अरुण वोरा ने कहा, “राहुल गांधी मेरे पिता पर इस तरह के आरोप नहीं लगा सकते।” सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के पवन बंसल और खड़गे ने अपने बयान में ईडी को बताया कि डील का फैसला एक व्यक्ति ने नहीं लिया था और वोरा सभी वित्तीय लेनदेन देखते थे। इस पर अरुण वोरा ने कहा, “मैं पवन बंसल और खड़गे के बयान के बारे में नहीं जानता, लेकिन सच्चाई की हमेशा जीत होगी. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और वोरा जी (मोतीलाल वोरा) की जीत होगी।” इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी को समन किए जाने और ईडी द्वारा पूछताछ किए जाने का कांग्रेस जबरदस्त विरोध कर रही है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में एक निचली अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया था कि यंग इंडियन लिमिटेड द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में कांग्रेस के कुछ नेता धोखाधड़ी शामिल थे। 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर नेशनल हेराल्ड नामक अखबार की शुरुआत की थी। अखबार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता था। लेकिन 90 करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज में डुबी AJL 2008 में बंद हो गई।