एजेंटों के हाथ जिले का आरटीओ दफ्तर, परिवहन अधिकारी की सरपरस्ती में दलालों की बल्लेबल्ले, बिना बिचौलिए के नहीं हो रहा आरटीओ दफ्तर में कोई काम…

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हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर विशेष संवाददाता : परिवहन विभाग में लाइसेंस बनवाने के लिए सामान्य व्यक्ति को महीनों चक्कर लगाने पड़ते हैं। लेकिन बाहर बैठे एजेंट का काम मिलीभगत से आसानी से हो जाता है। सूत्रों के अनुसार सूरजपुर परिवहन विभाग में कार्यालय के बाहर बैठे कुछ एजेंट बगैर ड्राइविंग टेस्ट दिए ही टू-वीलर से लेकर फोर वीलर तक के लाइसेंस बनवा देते हैं। इसके लिए 2500 से लेकर 4 हजार रुपए लोगों से लिए जा रहे हैं। वहीं लाइसेंस बनाने का दावा करने वाले एजेंटों का दावा होता है कि वे ऊपर तक रकम पहुंचाते हैं, इसलिए इतना पैसा लेते हैं। बताया जाता है कि इसकी जानकारी विभाग के अधिकारी को भी है, लेकिन अधिक पैसे लेने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। लोग आसानी से लाइसेंस बनवाने एजेंट के चक्कर में पड़ रहे हैं।

आरटीओ के बाहर बाबू के लोगों की भीड़

सूरजपुर परिवहन विभाग कार्यलय के बाहर अधिकांश आरटीओ के बाबू के लोग गुमटी से लेकर मकानों में फोटो कॉपी और ऑनलाइन पंजीयन के नाम से दुकान खोल रखी है। इनकी संख्या आरटीओ दफ्तर के बाहर दर्जनभर से अधिक है। प्रत्येक दुकानों में दो से तीन व्यक्ति पूरे दिन इन्हीं कामों में व्यस्त रहते हैं।

सरकार सिर्फ 1356 रुपए लेती है

टू प्लस फोर वीलर के ड्राइविंग लाइसेंस देने के लिए सरकार सिर्फ 1356 रुपए ही लेती है। लर्निंग के दौरान 356 रुपए का चालान और एक माह बाद परमानेंट के लिए एक हजार रुपए देना होता है। सिर्फटू वीलर लाइसेंस 156 रुपए लर्निंग के दौरान और एक माह बाद स्थाई लाइसेंस के लिए 700 रुपए देना होता है।

नियम से ट्रायल देने वाले लगा रहे चक्कर

नाम न बताने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया कि नियम से लाइसेंस बनवाने में कम खर्च है। वह लर्निंग से परमानेंट कार्ड के लिए दो बार ट्रायल दे चुका है, लेकिन सख्त नियम होने से दोनों बार फेल हो गया। वहां उपस्थित एक व्यक्ति ने यह काम बाबू से कराने की बात कही। नियम से आने वाले अधिकांश चक्कर लगा रहे हैं।

व्यवस्था में करेंगे सुधार
आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है। जिला परिवहन अधिकारी से इस संबंध में बात कर व्यवस्था सुधारी जाएगी।
इफ्तर आरा, कलेक्टर, सूरजपुर

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