हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : प्रमुख पर्यटन स्थल मैनपाट तक पहुंचने की राह को आसान बनाने पहाड़ी पर बनी घुमावदार सड़क को कम करने सरकार द्वारा 7 करोड़ खर्च किए जा रहे है, ताकि लोगो को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े और सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके किंतु शासन की आंखों में धूल झोकते हुए सड़क निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है। सड़कों के निर्माण में क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने के लिए जिस मिक्सचर का इस्तेमाल किया जा रहा हैं उसमें इस्तेमाल होने वाली मटेरियल का अनुपात और इस्तेमाल किए जाने वाला मटेरियल भी देखने से गलत प्रतीत हो रहा हैं। वहां मौजूद मजदूरों द्वारा भी इस बात की पुष्टि की गई की इस्तेमाल होने वाला मटेरियल जहां पर सीमेंट का इस्तेमाल होना था वहां मिट्टी प्रतीत हो रहा हैं।
इसके अलावा सड़क निर्माण के कार्य में नाबालिक मजदूर से कार्य लिया जा रहा हैं जिसकी उम्र 14 से 15 वर्ष हैं जो अभी तक 15 वर्ष की आयु भी पूर्ण नहीं कर पाया हैं। नाबालिक मजदूर से बात करने पर उसने बताया कि पिछले 2– 4 हफ्तों से वह यहां काम कर रहा हैं।
इस तरह की अनियमितताओं से बनी सड़क की आयु कितनी होगी इस बात का अंदाजा तो इसी बात से लगाया जा सकता हैं।
आपको बता दें कि राज्य सरकार द्वारा सात करोड रुपए की मंजूरी नवानगर घाट से पांच किलोमीटर तक तथा ऊपर में दो किलोमीटर घाट क्षेत्र में सड़क नवीनीकरण के लिए दी गई है। प्रत्येक किलोमीटर एक करोड़ की राशि खर्च कर घाट क्षेत्र में सड़क को सुविधाजनक बनाने का काम किया जाना है। इसके तहत सड़क के दोनों और जिधर भी जगह मिल रही है वहां सड़क को चौड़ा किया जा रहा है लेकिन चौड़ाई बढ़ाने में क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा जा रहा हैं। पांच किलोमीटर सड़क नवीनीकरण का काम पूरा हो चुका है। दो किलोमीटर का काम बचा हुआ है। लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि जब निर्माण कार्य में क्वालिटी का ही ध्यान नहीं रखा जा रहे हैं तब यह सड़क कितने दिनों तक चलेगी और इससे जानमाल की कितनी रक्षा हो सकेगी??