सरगुजा के पूर्व सांसद चक्रधारी सिंह का निधन, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

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हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : अविभाजित मध्यप्रदेश में वर्ष 1980 से 1984 तक सरगुजा लोकसभा सीट से सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता चक्रधारी सिंह का मंगलवार की सुबह निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका इलाज मिशन अस्पताल अंबिकापुर में चल रहा था। यह खबर जैसे ही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को हुई उन्होंने पूर्व सांसद के निधन पर शोक जताया तथा सीएम को इसकी सूचना दी। सीएम ने भी शोक जताया। पूर्व सांसद का राजकीय सम्मान के साथ उनके गृहग्राम बरगवां में अंतिम संस्कार किया जाएगा।कंवर राजपरिवार से ताल्लुक रखने वाले सरगुजा जिले के ग्राम बरगवां निवासी पूर्व सांसद चक्रधारी सिंह का जन्म 1936 में हुआ था। 86 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की उनके निवास स्थल पर भीड़ लग गई। पेशे से अधिवक्ता होने के कारण उनका लोगों से सीधा जुड़ाव था।
सहज, सरल व मिलनसार स्वभाव के कारण वे लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, डीसीसी अध्यक्ष राकेश गुप्ता समेत कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है।

पूर्व सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता स्व. चक्रधारी सिंह अविभाजित मध्यप्रदेश के जमाने में दिग्गज कांग्रेसी नेता विद्याचरण शुक्ल के कट्टर समर्थक थे। उनसे निकटता के कारण ही उन्हें वर्ष 1980 में सरगुजा लोकसभा सीट से टिकट दिया गया और उन्होंने जीत हासिल की। 1984 तक उन्होंने ये दायित्व निभाया। वर्ष 1998 से 2000 तक वे मध्यप्रदेश चुनाव प्राधिकरण के सदस्य रहने के साथ ही वे संगठन में कई बड़े पदों पर आसीन रहे। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वर्ष 2000 से 2003 तक कांग्रेस पदेश उपाध्यक्ष तथा 2003 से 2006 तक महामंत्री रहे।

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