हिंद स्वराष्ट्र बिलासपुर : एक ओर जहां डॉक्टर को भगवान कहा जाता है वही दूसरी ओर ये भगवान अपनी इंसानियत भी भूल जाते हैं. ऐसा ही एक वाकया सिम्स में देखने को मिला जहां सर्पदस से तड़पते बच्चे को डॉक्टर ने एडमिट करने से मना कर दिया। परिजनों की लाख दुहाई के बाद भी डॉक्टर का दिल नहीं पसीजा और वह पीड़ित बच्चे का इलाज नहीं करने पर अड़ा रहा। आखिरकार मीडिया के दबाव के बाद डॉक्टर ने बच्चे को भर्ती किया और अब उसका इलाज किया जा रहा है। दरअसल सिम्स अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अंशुल ने सर्पदंश से पीड़ित हेमू नगर निवासी 14 साल के जिडेंन मरे को एडमिट करने से इनकार कर दिया और बच्चे को बिना चेक किए दूसरे अस्पताल में एडमिट करने का हवाला देने लगा। परिजनों की लाख मिन्नत के बाद डॉक्टर ने अपनी कुर्सी से उठकर एक बार भी बच्चे को देखना तक जरूरी नहीं समझा। इस बीच सूचना मिलने पर मीडियाकर्मी हॉस्पिटल पहुंचे और उसकी सारी करतूतों को कैमरे में कैद कर लिया जिसके बाद मीडियाकर्मियों के दखल अंदाजी के बाद तत्काल बच्चे को एडमिट कर उसका इलाज किया जा रहा है।