हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर फिरोज अंसारी : इन दिनों अवैध रेत उत्खनन जोरों पर है और यह अवैध रेत उत्खनन प्रशासन के नाक के ही नीचे से हो रहा हैं ऐसे में यह समझ से पड़े हैं कि यह अवैध रूप से उत्खनन कर रहे रेत कारोबारियों से मिलीभगत का नतीजा हैं या फिर किसी बड़े साजिश का ??? प्रशासन की नाक के नीचे बसे ग्राम कलुआ उमेशपुर की नदी से अवैध रेत उत्खनन का कार्य हो रहा है जो कि जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर ही है और मजे की बात यह है इसमें खनिज विभाग भी मौन धारण किए हुए हैं। आपको बता दें कि यहां प्रत्येक रोज प्रशासन को तकरीबन हजारों रुपए का नुकसान अवैध रेत उत्खनन से हो रहा है और नदी से लगभग 35 –40 गाड़ियां प्रतिदिन निकलते हुए देखने को मिल जाती हैं और तो और इस अवैध रेत उत्खनन का मजा कोरिया जिला वाले भी ले रहे हैं जिसमें स्थानीय ग्रामीणों की भी संलिप्तता देखने को मिली और मजे की बात तो यह है कि कलुआ चौक के पास ही कुछ स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा ऑफिस बनाकर फर्जी बिल्टी के नाम पर भी अवैध वसूली की जा रही है।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार उनका कहना है कि अगर खनिज विभाग कारवाही भी करती है तो स्थानीय नेताओं का भी दबदबा देखने को मिलता है और कई परिवहन में लगे गाड़ियों के ड्राइवरों का कहना है मैं फलाने नेता का आदमी हूं मुझ पर कोई कार्यवाही हो ही नहीं सकती है यदि खनिज विभाग मेरी गाड़ी को ले भी जाती है कार्यवाही हेतु तो हम फलाने नेता के कार्यकर्ता हैं हमारी गाड़ी पल भर में ही खनिज विभाग से छूट जाएगी।
अब किस बात में कितनी सच्चाई है यह तो स्थानीय नेता ही बता सकते हैं या तो खनिज विभाग बताएगा की कार्यवाही वह क्यों नहीं करते हैं अगर इसी तरह अवैध रेत उत्खनन का कार्य चलता रहा तो अपने जिले में भी रेत का कमी भी होने लगेगा। अब आगे देखना यह है कि खनिज विभाग इस अवैध रेत उत्खनन में क्या कार्यवाही करता है।