हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : परसा खदान को शुरू कराने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीणों का समूह सामने आया है। वीडियो संदेश जारी कर ग्रामीणों ने खदान के समर्थन में अपनी बात रखी है। हाथों में बैनर लेकर ग्रामीणों के समूह ने कहा है कि हम ग्रामीणों ने पहचाना है, बाहरी लोगों को भगाना है, परसा खदान बचाना है।
इसके अलावा ग्रामीणों ने यह भी लिखा है कि हमारी जमीन इस खदान में गई है, इसलिए इस खदान को शुरू करना बेहद आवश्यक है। एक ग्रामीण सुनील कुमार कहते हैं कि वर्ष 2019 में उनकी जमीन इस खदान के लिए ली गई है, इसलिए जल्द से जल्द इस खदान को शुरू कराया जाए। ग्रामीणों ने बताया कि उनका भी जमीन अधिग्रहण हो चुका है, इसलिए उन्हें रोजगार चाहिए। ग्रामीणों के समूह ने नारेबाजी भी की, जिसमें उन्होंने कहा कि राजस्थान निगम का स्वागत है, परसा परियोजना का स्वागत है। पेशेवर विरोधियों का बहिष्कार है।
औद्योगिकीकरण का विरोध अपरिपक्वताः सिसोदिया
नंगे पांव सत्याग्रह के राजेश सिंह सिसोदिया ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि सरगुजा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में कोल उत्खनन-औद्योगिकीकरण के विरोध को अपरिपक्व व अव्यवहारिक बताते हुए इन सब को समय तथा लोकतंत्र की जरूरत बताया है। सामाजिक संवाद माध्यमों से आधुनिकीकरण की आत्मा के सर्वथा विपरीत है। आधुनिकीकरण लोकतंत्र की महती जरूरत है, जिसके लिए सर्वांगीण बदलाव अतिआवश्यक है।
कोल ब्लाक से जीवन-शैली, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक व सांस्कृतिक बदलाव आएंगे, इन बदलावों का परिणाम आधुनिकता होगा। हर सदी में बड़े-बड़े बदलाव आए हैं जो हमें आधुनिकता की तरफ ले गए हैं। यह वीं सदी में दुनिया के कुछ कोनों में क्रांतियां हुईं, जिनका रास्ता आधुनिकता और सशक्त लोकतंत्र की तरफ गया। बीसवीं सदी में रुसी व चीनी क्रांतियां भी सामंतवाद से समाजवाद के रूप में बड़ा बदलाव साबित हुईं, ठीक उसी तरह 21वीं सदी में औद्योगिक क्रांति भी हमें यह आधुनिकता तथा सशक्त लोकतंत्र की तरफ ले जाएगा। लोकतंत्र की महती जरूरत आधुनिकीकरण से छत्तीसगढ़ के गांव आज भी अछूते हैं। पंचायतें व पंचायती राज संस्थाएं अपर्याप्त आधुनिकीकरण के कारण ही शहरों व शहरी संस्थाओं से पिछड़ी हुई हैं।नंगे पांव सत्याग्रह ने विज्ञानी मानसिकता को प्राथमिकता देने की अपील की है।