सूरजपुर : रामपुर सहकारी समिति में किसान‌ के धान को रजिस्टर में किया एंट्री, परन्तु कम्प्यूटर में नहीं किया गया लोड,, किसान को हुआ लाखों रुपए का नुक़सान….कलेक्टर से की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं..

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हिंद स्वराष्ट्र ओड़गी फिरोज अंसारी : पूरा मामला विकासखंड के दूरस्थ गांव भवंरखोह के किसान का है। जो रामपुर सहकारी समिति के अन्तर्गत आता है। जिसमें किसान का टोकन जारी भी किया गया धान ले जाया भी गया धान भरने के लिए जूट का बोरा भी दिया गया। धान को बोरो में भरकर मजदूरों के द्वारा ऊपर चढ़ाया गया। धान की तौल रजिस्टर में भी एंट्री किया गया परन्तु समिति आपरेटर के द्वारा लापरवाही कर कम्प्यूटर में लोड नहीं किया गया। जिससे किसान को लाखों रूपए का नुक़सान हुआ है ना किसान को अभी तक धान दिया गया है ना नहीं समर्थन मूल्य पर पैसा मिला है। प्रार्थी हरकेश्वर सिंह के पिता स्व. अमरसाय आ० झरी ग्राम भंवरखोह के नाम अ.जा./ सेवा सहकारी समिति रामपुर वि.ख. ओड़गी में 1.60 हे0 भूमि का पंजीयन हुआ था प्रार्थी के पिता फौत हो चुके थे, जिसका टोकन दिनांक 31.01.2022 को था, प्रार्थी उक्त तिथि को 54.00 क्विटल धान दे चुका है। वारिसान पंजीयन हेतु प्रार्थी आवेदन दिनांक 02.02.2022 को श्रीमान् तहसीलदार महोदय ओड़गी को दिया तहसीलदार महोदय द्वारा R.I. श्री राठौर जी को दिये तब राठौर जी के द्वारा प्रार्थी को सदस्यता क्र० लिखने को कहा गया सदस्या क्र० 990 लिखकर दिया तब आर. आई. महोदय द्वारा बोला गया कि देखूगां हो जायेगा फिर प्रार्थी तीन-चार दिन तक इंतजार करते रहा परन्तु धान खरीदी अंतिम तिथी नजदीक होने के कारण बार-बार पूछ-ताछ करता रहा लेकिन अंतिम दिन तक नहीं किया गया तब प्रार्थी मजबूर होकर किसान टोल फ्री नं० 112 पर कॉल कर अपनी समस्या दर्ज कराया फिर रात 8 बजे श्रीमान् तहसीलदार महोदय ओड़गी द्वारा फोन किया गया और पुछा गया कि तुम्हारा समस्या क्या है, तब मैं अपनी समस्या बताया तब बोले कि तुम उस दिन तहसील आये थे मैं करा दिया हूँ, फिर मैं इंतजार करते रहा दिनांक 15.02.2022 को खाता चेक कराने पर पता चला कि राशि अभी तक जमा नहीं हुआ है। यदि वारिसान पंजीयन नहीं हुआ है तो सम्पूर्ण जिम्मेदारी आर.आई श्री राठौर जी की होगी और वारिसान पंजीयन हो गया है तो उस गलती की सम्पूर्ण जिम्मेदारी आपरेटर श्री सूरजीत गुप्ता आ० लखन गुप्ता दर्रीपारा, भैयाथान की होगी । वैमनस्यता वश परेशान करने के नियत से टाल-मटोल हिला-हवाला गुमराह करते हुये टोकन निरस्त किया गया है।

पीड़ित किसान ने प्रशासन से समर्थन मूल्य पर धान की राशि दिलवाने की मांग

पीड़ित ने राशि 135500 रूपये (एक लाख पैंतीस हजार पांच सौ रूपये) दोषी कर्मचारियों से दिलाई जाने की मांग की हैं। प्रार्थी के 54.00 क्विंटल धान को जानबुझ कर गलती किया गया है। प्रार्थी द्वारा दोषियों पर उचित कार्यवाही की मांग की हैं ताकि भविष्य में किसी गरीब किसान के साथ इस प्रकार की गलती न हो एक सबक मिल सकें।

कलेक्टर से की शिकायत परन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं

पीड़ित किसान ने सूरजपुर कलेक्टर डॉ ग़ौरव कुमार सिंह से लिखित रुप से शिकायत की थी। परन्तु महिने बीतने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

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