श्रीलंकाई संकट से भारतीय निर्यातकों को हुआ फायदा, जानिए किन चीजों की बढ़ी डिमांड…

0

हिंद स्वराष्ट्र नई दिल्ली: देश के टेक्सटाइल हब कहे जाने वाले तिरूपुर में इन दिनों विदेशी आर्डर बढ़ गए हैं। यही हाल असम और दक्षिण भारत के टी इस्टेट का भी है। आपको पता है कि इन कंपनियों को अचानक एक्सपोर्ट आर्डर क्यों मिलने लगे हैं? दरअसल, इन आर्डरों का श्रीलंकाई कनेक्शन है। श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराने के कारण वहां के निर्यातक अपना कमिटमेंट पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से वह आर्डर भारतीय निर्यातकों को मिलने लगा है।

श्रीलंकाई निर्यातकों को है परेशानी
तिरूपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आर एम शणमुगम बताते हैं कि श्रीलंका में आए आर्थिक संकट से वहां का मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर भी प्रभावित हुआ है। भारत में तो टेक्सटाइल इंडस्ट्री का इनपुट भी बनता है। इसके उलट श्रीलंका में कपड़े का बटन तक आयात करना पड़ता है। इस समय उनके पास आयात के लिए विदेशी मुद्रा है नहीं। ऐसे में वहां के निर्यातक अपना पुराना एक्सपोर्ट कमिटमेंट भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए इस क्षेत्र के ग्लोबल ब्रांड अपना आर्डर श्रीलंका को छोड़ कर तिरूपुर के निर्यातकों को दे रहे हैं।
वैश्विक ब्रांड एशियाई देशों से बनवाते हैं परिधान
जारा, मैंगो और एचएंडएम जैसे ग्लोबल ब्रांड अपने परिधान खुद नहीं बनवाते। पश्चिमी देशों में मजदूरी की दर अधिक है, इसलिए वे अपने कपड़े भारत, श्रीलंका, बंगलादेश, कंबोडिया और वियतनाम जैसे देशों में तैयार कराते हैं। शणमुगम का कहना है कि बंगलादेश, वियतनाम और कंबोडिया के निर्यातकों का आर्डर बुक इस समय भरा हुआ है। इसलिए ग्लोबल ब्रांड के पास अब श्रीलंका का विकल्प भारत ही दिखता है। अपेरल सेक्टर की बात करें तो श्रीलंका इस क्षेत्र का बड़ा प्लेयर है। वहां के निर्यातक हर साल करीब 5.42 बिलियन डॉलर के अपेरल का निर्यात करते हैं।

चाय की भी बढ़ रही है मांग
श्रीलंका सिर्फ अपेरल ही नहीं, चाय का भी बड़ा एक्सपोर्टर है। लेकिन वहां छाए संकट की वजह से अब ग्लोबल टी इंपोर्टर भारत की तरफ देखने लगे हैं। साउथ इंडिया टी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शाह बताते हैं कि श्रीलंका के करीब करीब सभी टी प्रोसेसिंग यूनिट में 12 से 13 घंटे का पावर कट हो रहा है। इस वजह से उन यूनिटों में प्रोडक्शन प्रोग्राम गड़बड़ा गया है। इसके साथ ही चाय की क्वालिटी में भी फर्क पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि श्रीलंका आर्थोडोक्स टी का बड़ा उत्पादक है। इसका निर्यात इराक, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, लीबिया, रूस और टर्की जैसे देशों में होता है। भारत भी आर्थोडोक्स टी का बड़ा उत्पादक है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here