सुरजपुर : राजस्व विभाग का नया कारनामा 50 हजार लेकर किसी और की जमीन कर दी किसी और को नामांतरित…जब चोर चोर मौसेरे भाई तो कैसे होगी कार्रवाई…

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हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर फिरोज अंसारी : राजस्व विभाग धांधली और फर्जीवाड़े का अड्डा बन गया हैं। रोज नए नए ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो कि भैयाथान तहसील की पोल खोल कर रख दे रही है राजस्व विभाग द्वारा लोगों को परेशान किया जा रहा है और उनके मामलों को वर्षों तक लटका कर उन्हे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रतारित किया जा रहा हैं। राजस्व विभाग में सबसे ज्यादा लूट घूसखोर पटवारियों द्वारा मचा कर रखा गया हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया हैं जहां पटवारी सुशील तिवारी द्वारा 50 हजार रुपए लेकर किसी और की जमीन को किसी और के नाम पर नामान्तरीत कर दिया गया और बड़ी बेशर्मी के साथ प्रार्थी को यह जानकारी भी दी गई। इस मामले में पटवारी के साथ ही तहसीलदार भैयाथान द्वारा भी पटवारी का साथ दिया गया और प्रार्थी की कोई मदद नहीं की गई। प्रार्थी द्वारा मामले की शिकायत एसडीएम भैयाथान से भी की गई जिसके बाद एसडीएम द्वारा 31/08/2019 को पटवारी विजय कुशवाहा और घूसखोर पटवारी राम आधार यादव को जांच कर जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया लेकिन इनके द्वारा आज पर्यंत कोई कार्यवाही नहीं की गई।


चोर चोर मौसेरे भाई तो कैसे होगी कार्यवाही
जब चोर चोर होते हैं मौसेरे भाई तो कैसे होगी कोई कार्यवाही…!! दरअसल घूसखोर पटवारी की जांच करने की जिम्मेदारी एक ऐसे पटवारी को सौंपी गई हैं जो खुद एक घूसखोर हैं तो ऐसे में मामले की जांच निष्पक्षता से होगी यह कैसे संभव है?
https://youtu.be/2y8HiCCh5HA
दरअसल पूरा मामला ग्राम जूर का हैं, प्रार्थी के स्वामित्व व आधिपत्य की भूमि ग्राम जूर पहन रानिम भैयाथान जिला- सूरजपुर (छ0ग0) में स्थित है जो कुल प्लाट 10 कुल रकदा 0.53 हे. है। और रामजन नमक व्यक्ति के द्वारा दिनांक 18 दिसम्बर 1978 को प्रार्थी के स्थान पर किसी अन्य महिला को खड़ा कर विक्रय पत्र बनवा लिया। विक्रय पत्र 1978 में बनाने के बावजूद अनावेदक द्वारा विक्रय पत्र के आधार पर जमीन का नामांतरण नहीं करवाया गया था। और नामांतरण से पूर्व ही कूट रचित फर्जी दस्तावेज नामांतरण की कोशिश किए जाने के संबंध में महिला द्वारा थाने में व एसडीएम कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई गई थी लेकिन इसके बावजूद 2020 में महिला की मृत्यु हो जाने के बाद कूट रचित दस्तावेजों और पटवारी से लेनदेन कर अनावेदक द्वारा जमीन को अपने नाम पर हस्तांतरित करवा लिया गया।

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