शांति नहीं अब युद्ध चाहिए….

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कानपुर
आचार्य डॉ. अजय दिक्षित

*🌷🌺🌹युद्ध चाहिए*🌹🌺🌷
—–1—–
*सीमा पर दुश्मन हुंकारे*।

*भारत वीरों को ललकारे*

*ऐसी विषम परिस्थिति में हों;*
*–परशुराम आदर्श हमारे।*

*रुद्र को होना क्रुद्ध चाहिए।*

*शान्ति नहीं अब युद्ध चाहिए।।*

—–2—–
*खोलो बन्धन तोड़ो ताले।*

*–हर कोई अरमान निकाले।*

*जपो मंत्र अब रणचंड़ी के,*

*त्यागो मंत्र अहिंसा वाले।*

*मगर आत्मा शुद्ध चाहिए।*

*शान्ति नहीं अब युद्ध चाहिए।।*

—–3—–
*संसद में अब खत्म बहस हो।*
*दुश्मन का घर तहस नहस हो।*
*अस्त्र शस्त्र कब काम आयेंगे;*

*बीस का बदला बीस सहस्त्र हो।*

*अरि का पथ अवरुद्ध चाहिए।*
*शान्ति नहीं अब युद्ध चाहिए।।*

—–4—–
*घर का प्रथम प्रलाप बन्द हो।*
*राजनीति संताप बन्द हो*।

*”अजय” कहे अब सबसे पहले;*

*समझौता संलाप बन्द हो।*

*अब कुछ नियम विरुद्ध चाहिए।*

*शान्ति नहीं अब युद्ध चाहिए।।*
*🙏🙏*
*आचार्य डा.अजय दीक्षित*

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