फर्जी तरीके से आदिवासी की जमीन हथियाने वाले डिगमा उपसरपंच समेत नौ आरोपियों को पुलिस ने भेजा जेल…

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हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : ग्राम डिगमा के एक आदिवासी की जमीन को फर्जी तरीके से हथियाने के मामले में पुलिस ने 2 महिला समेत 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में डिगमा उपसरपंच सुभाजित मंडल भी शामिल हैं। इनके द्वारा षडय़ंत्र पूर्वक 70 लाख रुपए की जमीन को कौडिय़ों के दाम में मात्र 7 लाख रुपए में खरीदकर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवाई गई थी। जिसके बाद रजिस्ट्री के 24 घंटे के भीतर ही जमीन मालिक की मौत हो गई थी। फिलहाल मृतक के मौत के मामले में जांच चल रही हैं। फर्जी तरीके से जमीन हथियाने के मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 120बी, 420, 467, 468, 471 के तहत कार्रवाई कर जेल दाखिल कर दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार 9 फरवरी को ग्राम डिगमा निवासी माखनलाल ने एक लिखित शिकायत गांधीनगर थाने में दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार उसकी जमीन खसरा नं. 317/1 रकबा 0.39 हेक्टेयर को मुकेश मुण्डा, राहुल विश्वकर्मा, भोलू उर्फ विशाल मजूमदार, अनिल चटर्जी तथा निशांत जायसवाल द्वारा उसकी जमीन को फर्जी तरीके से किसी अन्य आदिवासी के नाम पर रजिस्ट्री करा दी गई है। कुल रकबा में से 35 डिसमील जमीन बिकवाने के बाद इसके पैसे भी उसे नहीं मिले। विक्रय पत्र में अंकित ऋण पुस्तिका का नंबर भी उसका नहीं है। शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही थी। जांच में पाया गया कि विशाल मजूमदार उर्फ भोलू जो जमीन खरीद-बिक्री का काम दर्रीपारा निवासी सूर्य प्रकाश साहू की मिलीभगत से करता है। भोलू तथा उसके साथी शुभाजित मण्डल, दिनेश मंण्डल, रीता मण्डल भी जमीन खरीदी–बिक्री का काम करते हैं।
पुलिस शिकायत मिली थी कि जमीन को कब्जा करने की नियत से विशाल उर्फ भोलू द्वारा अपने साथी राहुल विश्वकर्मा, रीता मण्डल व ललिता द्वारा माखन को बहला फुसलाकर तथा ललिता के साथ शादी का झांसा देकर उसे ललिता के नाम पर जमीन का कुछ हिस्सा रजिस्ट्री कराने राजी किया गया था। आदिवासी जमीन होने के कारण जमीन की बिक्री हेतु सूर्य प्रकाश साहू द्वारा अपने साथ काम करने वाले आदिवासी मुकेश मुण्डा के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करने को बोला गया। जमीन की रजिस्ट्री हेतु दस्तावेज भोलू, शुभाजित मण्डल तथा दिनेश मण्डल द्वारा तैयार कराया गया। इस दौरान माखन को इस पूरे मामले की बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। बताया जा रहा हैं कि आवेदक माखनलाल अपनी जमीन बेचना नहीं चाहता था क्योंकि उसके बेटों के बीच जमीन के बंटवारे का केस न्यायालय में विचाराधीन था। इसके बावजूद आरोपियों द्वारा षडय़ंत्र के तहत जमीन की रजिस्ट्री करा ली गई। जमीन की रजिस्ट्री के लिये स्टांप शुभाजित मण्डल द्वारा खरीदा गया था। रजिस्ट्री दिनांक को विवादित जमीन जिसकी कीमत 70 लाख रुपये हैं उसे 7 लाख रुपए में खरीद लिया गया।

आरोपी भोलू उर्फ विशाल, राहुल विश्वकर्मा, रीता मण्डल और ललिता घरामी के द्वारा आवेदक के नाम एक खाता कैनरा बैक में खोला गया और बैंक का एटीएम कार्ड और सीक्रेट पिन भोलु उर्फ विशाल के पास था। जमीन बिक्री के 7 लाख रुपए का चेक जमीन मालिक माखनलाल के खाते में जमा कराया गया। जिसके बाद विशाल द्वारा मृतक के खाते से 6 लाख रुपए निकाल ली गई।
पूरे मामले में आरोपी भोलू उर्फ विशाल मजूमदार, राहुल विश्वकर्मा, शुभाजित मण्डल, दिनेश मण्डल, अनिल चटर्जी, मुकेश मुण्डा, प्रकाश साहू, रीता मण्डल व ललिता घरामी द्वारा माखन के साथ छल-कपट और धोखाधड़ी करते हुए कूटरचित ऋण पुस्तिका के माध्यम से उसकी 35 डिसमील जमीन को सस्ते दाम पर किसी अन्य आदिवासी को सामने रख कर खरीदा जाना पाया गया।

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