विनोद राय,विनोद दुबे,चंद्रदेव पाण्डेय तीनो हैं भाई इसी लिए नही हो रही हैं बाल मजदूरी कराने वाले शिक्षक पर कार्यवाही। देखें वीडियो में बच्चों ने क्या कहा

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हिंद स्वराष्ट्र समाचारपत्र प्रशान्त पाण्डेय सूरजपुर जिले में एक मामला सामने आया था जिसमे वीडियो के माध्यम से स्पष्ट दिखाई दे रहा था कि कुछ बच्चे सरकारी यूनिफार्म पहने खेतों में काम कर रहे थे जब उन बच्चों से वीडियो बनाने वाले व्यक्ति ने पूछा कि तुम लोग यहां पर क्या कर रहे हो तो इस पर बच्चों ने जवाब दिया कि वह सर का मटर लगा रहे हैं और सुंदरगंज स्कूल से आकर के लगा रहे हैं और टीचर का नाम भी बच्चों ने बताया जोकि चंद्रदेव पाण्डेय है, जिसकी जानकारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी विनोद दुबे जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर विनोद राय को दी गई लेकिन विनोद राय और विनोद दुबे जैसे वरिष्ठ पद पर बैठे व्यक्तियों के संबंध उनके कर्तव्य निष्ठा के सामने हावी हो रहे हैं हम ऐसा इसलिए बता रहे हैं क्योंकि चंद्रदेव पाण्डेय और इन दोनों अधिकारियों का बहुत ही गहरा संबंध है, तीनों आपस में भाई भाई लगते हैं जिसके चलते बाल मजदूरी कराने वाली शिक्षाक चंद्रदेव पाण्डेय पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है, आखिर जिला स्तर के अधिकारियों ने भी दिखा दिया है की फर्ज पे भारी रितेदारी। इस मामले में बच्चों का बयान जिला शिक्षा अधिकारी विनोद राय को व्हाट्सएप के द्वारा भेजा गया है जिसे देखने के बाबजूद इसके की दोषी शिक्षक(मुंहबोले भाई) पर कुछ कार्यवाही करने के मामले को लीपापोती करने में लगे हुए हैं।

व्हाट्सएप में जिला शिक्षा अधिकारी को भेजे गए सबूत

आखिर लीपापोती की भी एक हद होती है

हर जगह हम लीपापोती की मामले देखते और सुनते रहते हैं लेकिन ऐसे मामलों में जब पूर्णता खुलासा हो जाता हैं तब लीपापोती एक्सपर्ट बने अधिकारियों को भी कार्यवाही करने के लिए आगे आना पड़ता है लेकिन शिक्षा विभाग कि इन अधिकारियों ने लीपापोती की हदें पार कर डाली है, और अपने मुंह बोले भाई को बचाने के लिए कानून की नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं आखिरकार भाईचारा दिखाने के लिए क्या इन्हें सरकारी विभाग भी मिला है जिसके दम पर विनोद राय अपने मुंह बोले भाई को दोषमुक्त करने के लिए लगे हुए हैं किसी का भाई हो क्या किसी का पिता हो यदि कोई गलत करता हो तो उसे विधिवत सजा मिलनी चाहिए इस पर रिश्ते नाते सगे संबंधी होने की बात कह कर उन्हें दोषमुक्त करना या फिर इस मामले में वाइपर लेकर लीपापोती करना वह भी एक वरिष्ठ पद पर बैठे अधिकारी के द्वारा कहां तक सही है यह सोचने का विषय है।

बच्चों ने बताया मध्यनभोजन के बाद चंद्रदेव पाण्डेय ले गया था अपने खेत।


जब हम इस मामले में बच्चों से मिले तो उसने बताया कि दोषी शिक्षक ने मध्यान भोजन के बाद उन्हें अपने घर आकर मटर लगाने की बात कही थी जिस पर बच्चे उसके खेतों में काम कर रहे थे जिसका वीडियो भी वायरल हो चुका है आगे बच्चे ने बताया कि शिक्षक चंद्रदेव पाण्डेय ने बच्चों से अपने खेत में ले जाकर के बाल मजदूरी कराई तथा उनसे मटर की फसल भी लगवाई इस बात को स्वयं बच्चों ने स्पष्ट भी किया है।

कार्रवाई करने के नाम पर हो रहा है अधिकारियों के पेट में दर्द।


इतना सब कुछ सामने आने के बावजूद अधिकारी लीपापोती करने में लगे हैं और अपने भाई को बचाने में लगे हुए हैं यह बेहद शर्मनाक घटना है क्या रिश्तेदारी अपने फर्ज से बढ़कर है और क्या अब ना कोई संबंधी गलत करें तो उसे छोड़ देना चाहिए और यदि उसे छोड़ देना चाहिए तो बाकी लोगों पर भी कोई कार्यवाही नहीं करनी चाहिए जिनकी कोई शिकायत हो या जिनकी किसी अनुचित मामले की जानकारी मिली हो ऐसे में सवाल उठता है की जिला शिक्षा अधिकारी विनोद राय विकास खंड शिक्षा अधिकारी विनोद दुबे अपना भाईचारा छोड़कर दोषी शिक्षक चंद्रदेव के खिलाफ कोई कार्यवाही करते हैं या फिर इस मामले को भाईचारा के नाते रफा-दफा कर देते हैं।

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