हिंद स्वराष्ट्र नई दिल्ली
कुन्नूर में सीडीएस बिपिन रावत विमान हादसे को लेकर वायुसेना ने हादसे की पीछे की वजह साफ कर दी है। रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट में आईएएफ ने कहा है कि वजह न तो विमान में कोई तकनीकी दिक्कत रही और न ही कोई लापरवाही। हादसे का कारण खराब मौसम सामने आया है। इस हादसे को जांच दल ने CFIT दुर्घटना बताया है। पिछले साल 8 दिसंबर को हुए इस विमान हादसे में सीडीएस बिपिन रावत समेत 14 सैन्य अफसरों की मौत हो गई थी।
पिछले साल 8 दिसंबर को एमआई-17 वी5 विमान दुर्घटना में ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने कुछ दिन पहले अपने प्रारंभिक निष्कर्ष रक्षा मंत्रालय को सौंप दिए थे। जांच दल ने दुर्घटना के सबसे संभावित कारण का पता लगाने के लिए सभी उपलब्ध गवाहों से पूछताछ की। इसके अलावा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का भी विश्लेषण किया। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने दुर्घटना के कारण के रूप में तकनीकी विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज कर दिया है। दुर्घटना घाटी में मौसम की स्थिति में अप्रत्याशित बदलाव के कारण हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खराब मौसम के कारण पायलट रास्ता नहीं समझ पाया और उड़ान अनियंत्रित हो गई। अपने निष्कर्षों के आधार पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने कुछ सिफारिशें भी की हैं जिनकी समीक्षा की जा रही है।
गौरतलब है कि वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में त्रिकोणीय सेवा जांच दल ने सीडीएस बिपिन रावत हेलिकॉप्टर हादसे की आधिकारिक रिपोर्ट 5 जनवरी को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी थी। अधिकारियों का कहना है कि सीडीएस रावत हेलिकॉप्टर दुर्घटना एक CFIT (कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन ) दुर्घटना है। यह बताया गया कि कुन्नर में दुर्घटना से पहले वह एक नियंत्रित उड़ान थी जो चालक दल के पूर्ण नियंत्रण में थी। यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, ऐसी दुर्घटनाओं में पायलट या चालक दल खतरे से अनजान होते हैं, जब तक कि बहुत देर न हो जाए।
क्या है सीएफआईटी दुर्घटना
सीएफआइटी (कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन) एक ऐसी हवाई दुर्घटना है, जिसमें पूरी तरह से सेवा योग्य और फिट विमान अनजाने में जमीन, पानी या फिर किसी चीज से टकरा जाता है। ऐसे हादसे जिसमें विमान नियंत्रण से बाहर हो जाता है। इस हादसे से पहले चालक दल इस घटना को लेकर पूरी तरह से अनजान होता है।
गौरतलब है कि बीते वर्ष 8 दिसंबर को सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सेना के जवान सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन एयरबेस के लिए हेलिकॉप्टर में सवार हुए थे। हेलिकॉप्टर के अपने गंतव्य तक पहुंचने के कुछ मिनट पहले सुलूर एयरबेस कंट्रोल रूम का हेलिकॉप्टर से संपर्क टूट गया। दुर्घटना से पहले स्थानीय लोगों द्वारा कैप्चर किए गए हेलीकॉप्टर के दृश्यों से पता चला था कि हेलिकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ रहा था और बादल छाए हुए थे। दुर्घटना में मारे गए 13 अन्य लोगों में बिपिन रावत के रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और पायलट ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह भी शामिल थे।