हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर : भारत के संविधान ने हम पत्रकारों को चौथा स्तंभ कहा गया है,शासन प्रशासन पुलिस जिन जगहों तक नही पहुंचती उन जगहों तक हम पत्रकार अपनी जान को जोखिम में डालकर न्यूज निकालकर लाते हैं छोटे से छोटे और बड़े से बड़े मुद्दों को जन सरोकार के लिए सामने लाते हैं,इसमें हम पत्रकारों का कोई निजी स्वार्थ नही होता। जिनकी आवाज दबाई जाती है हम उनकी आवाज बनते हैं। लेकिन हर जगह पर कुछ अपवाद होते हैं जो अपने साथ साथ दूसरों के नाम को भी खराब करते हैं जिस तरह एक गंदी मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है वैसे ही कुछ एक तथाकथित पत्रकार जो पत्रकार ना होते हुए भी स्वयं को पत्रकार बतलाते हैं पत्रकारों के नाम पर पत्रकारों को बदनाम करते, ऐसे लोग ना तो पत्रकार होते हैं और ना ही एक अच्छे इंसान होते हैं,इनका काम लोगों को नीचे गिराना और लोगों की बदनामी करना होता है , इनमे काबिलियत नही होती की स्वयं के दम पर कुछ करें इस लिए प्रतिष्ठित एवं सम्मानीय व्यक्तियों की निंदा करते हैं और अपनी रोजी रोटी चलाते हैं,ऐसे लोगों के लिए पत्रकारिता एक व्यवसाय है जहां वो स्वार्थ सिद्धि एवं वैमनस्यता करते हैं ऐसे लोग समाज के लिए वह काला धब्बा है जो किसी भी डिटर्जेंट पाउडर से धोने से नहीं जाते।
जनहित में पत्रकारिता करने वाले जितेंद्र जायसवाल पर उठाई अपनी गंदी उंगली।
हम आपको बता दें कि अपने परिवार की चिंता ना करते हुए पुलिस परिवार के लिए रायपुर में जाकर उनके हित में काम करने वाले पत्रकार जितेंद्र कुमार जायसवाल के ऊपर घटिया टिप्पणी करने वाला एक तुच्छ और निकृष्ट मानसिकता का चापलूस व्यक्ति जिसे बिट्टू सिंह राजपूत के नाम से जाना जाता है, अपनी घटिया हरकतों से बाज नहीं आ रहा है एवं अपने आप को प्रसिद्ध करने के लिए प्रतिदिन घटिया चाले चल रहा है यह एक मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति की तरह है जो अपने दम पर कुछ नहीं कर सकता और ना ही अपना नाम बना सकता है। इस घटिया व्यक्ति की घटिया सोच के कारण पत्रकार जगत बदनाम हो रहा है ऐसे घटिया और निकृष्ट तुच्छ मानसिकता के लोगों के समाज में रहने से संपूर्ण मानव समाज कलंकित हो रहा है क्योंकि इस घटिया और निकृष्ट मानसिकता के व्यक्ति ने जिस व्यक्ति पर उंगली उठाई है वह व्यक्ति अपने परिवार को छोड़कर किसी और के परिवार के लिए लड़ रहा है यह सब बातें जानने के बावजूद अपनी गंदी और बदबूदार दिमाग से सोशल मीडिया में गंदगी फैला रहा है ऐसे तुच्छ निकृष्ट मानसिकता के व्यक्ति ने जितेंद्र जायसवाल की गिरफ्तारी पर काफी खुशी जाहिर की है जो इस बात को जाहिर करता है कि इस व्यक्ति का ना तो साहस इतना है और ना ही इस मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति का इतना बल है कि यह किसी पत्रकार के सामने अपना नाम बना सके इसीलिए यह मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति जिसे बिट्टू सिंह राजपूत के नाम से जाना जाता है जितेंद्र जयसवाल जैसे पत्रकार पर उंगली उठा रहा है।
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हिंद स्वराष्ट्र समाचार पत्र पर भी अपनी घटिया उंगली।
जनहित में पत्रकारिता करने वाले सभी पत्रकारों के खिलाफ इस तुच्छ और घटिया मानसिकता के व्यक्ति ने हमेशा अपनी टांग लड़ाई है पहले और अब भी इस तुच्छ और निकृष्ट मानसिकता के व्यक्ति ने पत्रकारों पर हमला बोला है और उन्हें बदनाम करने की नाकाम कोशिश की है। ये ऐसे व्यक्ति हैं जो केवल अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए किसी के ऊपर भी उंगली उठाने से बाज नहीं आता हैं। ऐसा ही एक मामला है जिसमें हिंद स्वराष्ट्र समाचारपत्र के संपादक एवं प्रधान संपादक को बंटी बबली का नाम देकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश इस तुच्छ और निकृष्ट मानसिकता के व्यक्ति द्वारा किया गया है, लेकिन हम बता दें कि इस तुच्छ और निकृष्ट मानसिकता के व्यक्ति के द्वारा किए जाने वाले किसी भी अभद्र टिप्पणी पर श्वेत पत्रकार कभी भी अपना मन विचलित नहीं करेंगे क्योंकि हम सभी पत्रकारों को पता है किसे सीरियस लेना है और किसे मजाक में, पर कभी-कभी बोलना जरूरी हो जाता है क्योंकि ऐसे घटिया लोग अपने आप को सही साबित करने लगते हैं यह बोलकर कि सामने वाला गलत है इसीलिए उसने कोई जवाब नहीं दिया , लेकिन बुद्धिजीवी स्वेत,कर्मठ और जुझारू पत्रकार यह जानते हैं कि बिट्टू सिंह राजपूत जैसे लोग मनोरंजन के साधन मात्र है उसे महत्व देने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ऐसे लोग अपना नाम नहीं बना पाते तो दूसरों पर उंगलियां उठाते हैं।
सुरजपुर क्षेत्र में पाया जाता है यह निकृष्ट विकृत मानसिकता का व्यक्ति।
आपको बता दें कि यह विकृत मानसिकता का व्यक्ति बिट्टू सिंह राजपूत सूरजपुर क्षेत्र में कहीं पाया जाता है जिसे कोई ढंग से नहीं जानता और नहीं इसकी खुद की कोई पहचान है एक फर्जी 2000 के खुद के बनवाए पोर्टल पर खुद को प्रधान संपादक बोलता है और अपने आप को पत्रकार होने का दावा करता है ये विकृत एवं मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति किसी सामूहिक स्थान पर नहीं आता बल्कि अपने घर में दुम दबाकर बैठकर खुद को प्रधान संपादक बतलाते हुए फेसबुक के माध्यम से अपना गला फाड़ता है और दूसरों को गाली गलौज करता है ताकि इस नीच मानसिकता के व्यक्ति को लोग जान सके और इसे कुछ पहचान मिल सके जिससे यह गिरा हुआ व्यक्ति अपनी अलग पहचान बना सकें।
निकृष्ट मानसिकता के तुच्छ व्यक्ति बिट्टू सिंह राजपूत को पत्रकारों ने फेसबुक पर जमकर धोया।
जाहिर सी बात है कि पत्रकारों का एक समुदाय जो केवल जनहित पत्रकारिता में अपना योगदान देता है अपने प्राणों की रक्षा ना करते हुए भी वह केवल जनहित के मुद्दे उठाता है और ऐसे में कोई व्यक्ति दुमछल्लो जैसा हरकत करने लगे और एक ऐसे पत्रकारों को बदनाम करने लगे जो जनहित में पत्रकारिता करते हैं तो फिर ऐसे चाटुकार, चटनखोर बिट्टू सिंह राजपूत को पत्रकार कहां छोड़ने वाले थे आखिरकार पत्रकारों का गुस्सा इस तुच्छ मानसिकता के व्यक्ति पर फूट पड़ा और पत्रकारों ने फेसबुक में ही इसे रेल दिया।
पत्रकारों ने तथाकथित तुच्छ मानसिकता के बिट्टू सिंह राजपूत को फेसबुक में जमकर रेला।
इस छोटी मानसिकता के कुछ व्यक्ति को पत्रकारों ने जमकर रेला है तथा इसे इसकी औकात दिखाई है क्योंकि जनहित में पत्रकारिता करने वाले और लोगों को उनका हक दिलाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालकर सच्चाई सामने लाने वाले पत्रकारों पर जब जब किसी दुष्ट ने उंगली उठाई है तब तब कलमकारों ने अपनी कलम की ताकत से ऐसे ऐसे बिट्टू सिंह राजपूत को उनकी औकात भी दिखाई है।
हम सभी पत्रकार अपने समाचार के माध्यम से तुच्छ निकृष्ट एवं दुर्बल मानसिकता के बिट्टू सिंह राजपूत को यह बताना चाहते हैं कि यदि उसने सामूहिक तौर पर पत्रकारों पर किए गए अभद्र टिप्पणी के लिए माफी नहीं मांगी तो हम सभी उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए कानूनी स्तर पर मोर्चा खोल देंगे।
जय हिंद।
पत्रकार एकता जिंदाबाद
जनहित की पत्रकारिता जिंदाबाद