देवशरण चौहान
विदिशा जिला निवासी टेली सपोर्ट इंजीनियर हिमांशु जैन की नौकरी कोरोना वायरस संकट के चलते चली गई, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। साबित कर दिखाया कि हौसला हो तो आपदा में भी अवसर ढूंढे जा सकते हैं। वैश्विक स्तर पर जब कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ तो तीन साल से बहरीन की एक कंपनी में टेली सपोर्ट इंजीनियर के पद पर सेवा दे रहे हिमांशु को जमी जमाई नौकरी छोड़कर विदिशा लौटना पड़ा। विपरीत हालात में भी निराश होने की जगह उन्होंने ऐसा कुछ करने की ठानी, जिससे खुद आत्मनिर्भर बनें और दूसरों को भी रोजगार दे सकें।
हिमांशु योजना बनाकर आगे बढ़े और खुद की टेली सॉफ्टवेयर कंपनी खड़ी कर दी। लॉकडाउन में ही कंपनी में आठ लोगों को रोजगार भी दिया। इसके अलावा शहर के करीब 50 युवाओं को ऑनलाइन टेली का प्रशिक्षण भी दिया है। इनमें से अब 12 युवा भी टेली एकाउंटिंग के जरिए अपनी आजीविका चला रहे हैं। हिमांशु बताते हैं कि खुद की कंपनी खड़ी करने के बाद लॉकडाउन में सबसे बड़ी चुनौती इसे चलाने की थी, ग्राहक चाहिए थे। इसके लिए उन्होंने महीनेभर तक जिलेभर के कारोबारियों से वेबिनार के जरिये चर्चा की। चर्चा में कारोबारियों ने बताया कि उनके सामने समस्या है कि उनकी दुकानों का हिसाब किताब दुकानों में संचालित कंप्यूटर सिस्टम से ही चलता है। लॉकडाउन में इन्हें संचालित करने में कठिनाई आ रही थी।