जशपुर
देवशरण चौहान
जशपुर-हाथी प्रभावित जशपुर जिले के ग्रामीण हाथियों के कानून का पालन करते हैं। वह मानते हैं कि हाथी साथी भी है और जज्बाती भी। हाथी सामाजिक प्राणी है। समूह में रहता है। अपने बुजुर्ग को मुखिया मानता है। हथिनियों और बच्चों की रक्षा करता है। अगर गुस्से में हिंसक हो जाता है तो पश्चाताप भी करता है। किसी मनुष्य की हत्या करने वाले हाथी को दल से बहिष्कार का दंड भी भुगतना पड़ता है। इसलिए हाथियों के काम में दखल नहीं देने में ही अपनी भलाई मानते हैं।
तुमला निवासी गणेश सिंह के अनुसार हर समूह का सबसे उम्रदराज हाथी दल का नेतृत्व करता है। दल के सदस्य अनुशासन में रहते हैं। हाथी बिना कारण मनुष्य पर हमला नहीं करते हैं। आत्मरक्षा के लिए जरूर आक्रामक हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि अगर कोई हाथी किसी मनुष्य को कुचल कर मार देता है तो उसे दल से अलग कर दिया जाता है।