शिक्षक चंद्रदेव पाण्डेय बना तानाशाह स्कूली छात्रों को घर ले जाकर करता है बाल मजदूरी

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हिंद स्वराष्ट्र समाचारपत्र प्रशान्त पाण्डेय सुंदरगंज सुरजपुर जिले के सुंदरगंज माध्यमिक शाला के शिक्षक के द्वारा किए गया एक ऐसा कृत्य सामने आ रहा है, जिसने गुरु के पद का मान खराब कर दिया है। गुरु का दर्जा भगवान से भी बड़ा होता हैं लेकिन कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो हैवान बने फिर रहे हैं। हम अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं ताकि वे पढ़ लिख कर देश के भावी भविष्य बने लेकिन कुछ तुच्छ मानसिकता के शिक्षक ऐसे भी हैं जिनकी वजह से शिक्षा जगत बदनाम हो रही है।

तुच्छ मानसिकता के शिक्षक चंद्र देव पाण्डेय ने स्कूल के बच्चों को अपने घर ले जाकर कराया काम, शिक्षा जगत को किया बदनाम

शासकीय माध्यमिक शाला सुंदरगंज में पदस्थ शिक्षक चंद्रदेव पाण्डेय के द्वारा अपने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को अपने घर में ले जाकर अपने खेतों का काम कराया जाता है, जो की बेहद शर्मनाक घटना है क्योंकि बच्चे देश के भावी भविष्य हैं उन्हें पढ़ने लिखने और अपने भविष्य को बनाना है। आखिर क्या अधिकार है की इस प्रकार स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से एक शिक्षक अपने घर ले जाकर उन्हें अपने खेतों का काम कराएं।

बच्चे स्कूलों में पढ़ने आते हैं शिक्षकों के खेतों का काम करने नहीं

मध्यम वर्ग के माता-पिता अपने बच्चों को महंगी स्कूलों में महंगी फीस नहीं दे पाने के कारण शिक्षा के लिए उन्हें सरकारी स्कूलों में पढ़ाते हैं लेकिन उन स्कूलों में कई ऐसे मामले सामने आते हैं जिसके कारण कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं भेजना चाहेगा। आखिर अब ऐसे में सवाल यह उठता है की बच्चे स्कूलों में पढ़ने आते हैं या फिर शिक्षकों के घरों की गुलामी करने, मजदूरी करने क्या कोई माता-पिता अपने बच्चों को स्कूलों में काम करने के लिए भेजता है या फिर उन्हें पढ़ने के लिए अपना भविष्य संवारने के लिए भेजता है, इन सवालों के जवाब जिला शिक्षा अधिकारी विनोद राय ही दे सकते हैं क्योंकि मामला उन्हीं के जिले के एक शिक्षक द्वारा किया गया है। ऐसे ही कुकृत्य करने पर शिक्षक पर क्या कार्रवाई होती है या इसे लीपापोती कर मामले को ठंडा किया जाएगा यह तो आने वाले समय में जिला शिक्षा अधिकारी विनोद राय ही बताएंगे।

हेड मास्टर शोभनाथ महानंदी की मिली भगत से चल रहा बाल मजदूरी का कारनामा,,, सूचना के बाद भी अपने उच्च अधिकारियों को नही दी जानकारी..

हेड मास्टर शोभनाथ महानंदी

माध्यमिक शाला की हेड मास्टर शोभनाथ महानंदी को इस बात की जानकारी नहीं है की उनकी शिक्षक के द्वारा बच्चों को अपने खेतों में ले जाकर स्कूल के समय में काम कराया जा रहा है इस बात को हेड मास्टर सोमनाथ महानंदी की लापरवाही कहीं जाए या फिर उनकी मौन सहमति या फिर यह भी हो सकता है की सोमनाथ महानंदी भी बच्चों को अपने घर ले जाकर अपने खेतों में काम कराता होगा, नहीं तो यह कैसे संभव है कि हेड मास्टर को अपने स्कूल के बच्चों की स्थिति की जानकारी नहीं है।

जब हिंद स्वराष्ट्र की टीम द्वारा मामले की सूचना हेड मास्टर शोभनाथ महानंदी को दी गई तो और उनसे आरोपी शिक्षक के ऊपर कार्यवाही के लिए बोला गया तो सोभनाथ महानंदी द्वारा खुद के द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही ना कर पाने और मीडिया कर्मियों को ही उच्च अधिकारियों को मामले की सूचना देने की बात कही गई। ऐसे में सोभनाथ महानंदी द्वारा अपने आरोपी शिक्षक को बचाने की कोशिश करना और उस पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही ना करना, इससे साफ जाहिर होता है कि बाल मजदूरी में चंद्र देव पाण्डेय और शोभनाथ महानंदी दोनों बराबर के साझेदार हैं तभी कार्यवाही करने का साहस हेड मास्टर नहीं कर पा रहे है।

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