हिंद स्वराष्ट्र समाचार पत्र
सूरजपुर। बालू उत्खनन के मामले को लेकर बड़ा बवाल सामने आया है ग्रामीण एकजुट होकर रेत खदान पहुंचकर रेत को दूसरे राज्यों में नहीं भेजने और स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात कहते हुए बालू उत्खनन रोकने की कोशिश की। बालू उत्खनन में जुड़े लोग जब इसका विरोध करने लगे तो ग्रामीण उग्र होकर बालू उत्खनन से जुड़े लोगों के साथ जमकर मारपीट कर दिया। मामला नमदगिरि घाट का है जिसे लेकर माहौल गरम है।मारपीट की इस घटना में कांग्रेस के एक युवा नेता विष्णु कसेरा के सिर में गंभीर चोटें आई हैं मिलनसार व्यक्तित्व का यह युवा नेता घटना के दौरान रेत खदान में मौजूद रहा।इस पूरे मामले की रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है जिसमें नमदगिरी गांव के 9-10 लोगों नामजद अपराध दर्ज किया गया।प्रशासन के आंख मूंद लेने से जिले के बालू खदानों में नियम कानूनों को ताक में रखकर जिस कदर रेत निकाला जा रहा है उसे लेकर पूरे जिले भर के रेत खदानों में पहले भाजपा और अब ग्रामीण विरोध करने पर उतारू हो गए हैं और न सिर्फ विरोध किया जा रहा है बल्कि अब तो ग्रामीण कानून को भी हाथ में लेने पीछे नहीं है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण शुक्रवार को सुबह नमदगिरी घाट में देखने को मिला। पिछले लंबे अरसे से जिले में रेत खदानों में अवैध तरीके से रेत निकाल कर दूसरे राज्यों को भेजा जा रहा है ग्रामीण इसी का विरोध करने उतारू हैं ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा करने से जहां ग्रामीण सड़कें व पुल पुलिया क्षतिग्रस्त हो रही है तो वहीं स्थानीय लोगों को भी रेत ऊंचे दामों पर मिल रहा है। जेसीबी व पोकलेन मशीनों से नदियों का सीना छलनी किया जा रहा है इससे आने वाले समय में जलस्तर में गिरावट आने की संभावना बनी हुई है जहां जहां रेत खदानें हैं वहां के ग्रामीण अपनी इस धरोहर को सुरक्षित रखने रेत ठेकेदारों को नियमो के साथ काम करने की हिदायत तो दे रहे हैं मगर इसका कोई असर नहीं हो रहा है
प्रशासन भी मौन साधे हुए हैं।
बताया जा रहा है कि इन रेत ठेकेदारों को जिला प्रशासन का पूरी तरह संरक्षण प्राप्त है सभी रेत ठेकेदार ऊंची पहुंच वाले है जिससे जिला प्रशासन को इन पर एक्शन लेने में उनके हाथ-पांव फूल रहे हैं।सूत्र तो यह भी बताते हैं कि रेत ठेकेदार को मनमानी करने की छूट स्वयं प्रशासन दे रखी है इसके एवज में मोटी चढ़ोतरी मिल रही है कुछ ठेकेदार के लोग तो यह भी कह रहे हैं कि प्रशासन की हम पूरी बात मान रहे हैं तो हमें रेत खदानों में सुरक्षा प्रशासन को देना चाहिए। बहरहाल रेत खदानें शुरू होने के बाद सूरजपुर जैसे शांत जिले में ही अपराधिक गतिविधियां बढ़ने लगी है जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है और प्रशासन के लोग आराम से चैन की नींद सो रहे हैं। यही हाल रहा तो आने वाले समय में ग्रामीण अभी तो रेत के खदानों तक ही विरोध कर रहे हैं कल दफ्तरों तक विरोध के स्वर गूंजने लगे तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी। प्रशासन को समय रहते रेत से जुड़े मामलों को मजबूती से सुलझा लेना चाहिए जिससे जिले की शांत आबोहवा खराब ना हो और सरकार की भी किरकिरी होने से बच जाए फिलहाल जिले में रेत उत्खनन के मामले को लेकर गांव गांव में लोग सरकार से भी नाखुश हो चले हैं और यहां प्रशासन से भी भरोसा लोगों का उठ चुका है।