अम्बिकापुर हिंद स्वराष्ट्र समाचारपत्र प्रशान्त पाण्डेय मामला अम्बिकापुर के मणिपुर चौकी का है जहां कुछ गुंडे 3 युवकों को पीट रहे थे जिसपर मौके में पहुंची डायल 112 की टीम ने एक युवक को अपनी गाड़ी में बैठाया लेकिन गुंडों का आतंक इससे शांत नही हुआ और वो युवक को पुलिस की गाड़ी से उतारकर फिर मारने लगे,पुलिस के दोनो मुस्तैद बलसली जवान जब कुछ नही कर पाए तो उसके बाद उन्हें अपने प्राणों का भय सताने लगा क्योंकि शायद पहली बार उनके सामने ऐसा हुआ की पुलिस की वर्दी देख कर भी लोग डरे ना हों और इसी भय से की गुंडे इन पुलिस वाले की भी पिटाई ना कर दें पुलिस के दोनो बहादुर जवान मौका देख दुम दबाकर भाग निकले।
किसी की जान चली जाती तो किसकी होती जिम्मेदारी
जब ऐसी घटना हो रही हो जिस पर पुलिस के सामने भी लोग मारपीट कर रहे हो तब डायल 112 की टीम को वहां से भागने के बजाय अतिरिक्त पुलिस बल बुलाने की आवश्यकता थी लेकिन मार खाने के डर से डायल 112 की टीम मार खा रही युवक को छोड़कर वहां से दुम दबाकर भाग खड़ी हुई अगर इस बीच किसी की मौत हो जाती तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होती, मारपीट होते देख दुम दबाकर भागने वाले पुलिस वालों की या फिर उन गुंडों की जो आए ही थे मारपीट करने, या फिर सरगुजा के एसपी अमित तुकाराम कांबले की।
हर कोई पुलिस की अभिरक्षा में अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है लेकिन वायरल हो रहे इस वीडियो में पुलिस अभिरक्षा की पोल खोल कर रख दी है आखिर जब पुलिस ही दुम दबाकर भाग निकलेगी तो आम आदमी अपने आप को सुरक्षित कैसे महसूस करेगी। और जब पुलिस वाले ऐसे भागने लगेंगे तो लोग अपनी सुरक्षा के लिए किसके पास जाएंगे ऐसी लचर व्यवस्था और भगोड़े पुलिस वालों को देख कर लोग अपनी सुरक्षा की व्यवस्था स्वयं करना ज्यादा उचित समझेंगे न की पुलिस से सहायता मांगना।
भगोड़े पुलिस वालों को नहीं मिलेगी सजा ?
पुलिस को समाज की सुरक्षा के लिए बनाया जाता है, जब समाज में कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार की कोई गलती करता है तो उसे पुलिस सजा दिलवा दी है लेकिन पुलिस के दो बहादुर मुस्तैद दिलेर जवानों ने अंबिकापुर में अपनी बहादुरी का जो लोहा मनवाया है वह युगो युगो तक याद रखा जाएगा। लेकिन इस कुकृत के लिए इन पुलिस वालों को क्या दंडित नही करना चाहिए जिससे दूसरे पुलिस वालों को सबक मिल सके की उनकी ड्यूटी समाज की सुरक्षा के लिए हैं, ना की किसी व्यक्ति को गुंडों के हाथों मरने के लिए छोड़ दुम दबाकर भागने के लिए।