रेंजर गजेंद्र दोहरे के संरक्षण में चल रहा वन उपज नाका में अवैध वसूली और मनमानी ड्यूटी …..मीडिया के सवालों से भागते नजर आए दोहरे

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प्रशान्त पाण्डेय हिंद स्वराष्ट्र समाचारपत्र
मामला अंबिकापुर वन परीक्षेत्र का है जिसके अंतर्गत वन उपज जांच नाका चठिरमा में संचालित है जहां के कर्मचारी लगातार अवैध वसूली को अंजाम दे रहे हैं जिसमे पर गाड़ियों से ₹10 से लेकर 1500 तक की अवैध वसूली करते हैं। वहीं आपको बाते दें की बेरियर के कर्मचारी एवं प्रभारी सिन्हा अपने मन मुताबिक ड्यूटी ड्यूटी करते हैं। कुछ दिनों की बात है जहां दोपहर के 12:00 बजे बेरियर में ताला लगा हुआ मिला वही रात में भी बेरियर पूरी तरह बंद नजर आता है। इन सब के जिम्मेदार है रेंजर गजेंद्र दोहरे क्योंकि जब मौके से इन सारे घटनाओं से अवगत कराने के लिए हमने रेंजर गजेंद्र दोहरे से फोन से संपर्क करना चाहा तो उन्होंने कॉल उठाना जरूरी नहीं समझा तत्पश्चात हमने तत्काल व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से हमने उन्हें मामले से अवगत कराया इसके बाबजूद ना ही उन्होंने कोई जवाद दिया और ना ही इस कोई कार्यवाही हुई।

अत्यंत व्यस्त एवं कर्तव्य परायण रेंजर।
जब पत्रकारों के द्वारा मामले की जानकारी के लिए उनके ऑफिस जाया जाता है तब रेंजर साहब अपने ऑफिस से नदारद रहते हैं और जब उन्हें फोन किया जाता है तब कर्तव्य परायण कर्तव्यनिष्ठ रेंजर द्वारा फोन काट दिया जाता है यही कारण है कि पत्रकार जमीनी स्तर से कोई भी जानकारी लेकर आता है उसे समय से अधिकारियों को अवगत नही करा पाता और ना ही कोई कार्यवाही हो पाती है जिसकी वजह से विभाग के कर्मचारी लगातार खुले संरक्षण में गलत कार्यों को अंजाम देने में सफल हो रहे हैं।

रेंजर दोहरे मामलों को भांप कर पत्रकारों को देते हैं बयान जिससे बची रहे उनकी जान
बड़ी मुश्किल से रेंजर से मुलाकात कर जब हमने उक्त मामले की जानकारी चाहि तो उन्होंने मैं इसके लिए अधिकृत नहीं हूं कहते हुए अपना बीच बचाव किया एवं हमे किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी। क्योंकि मामला विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही एवं अवैध वसूली का था।
वहीं रेंजर के पास जब अन्य पत्रकार छोटे मोटे मामलों की जानकारी के लिए जाते हैं तो रेंजर दोहरे मीडिया में अपना चेहरा चमकने के लिए दिल खोलकर बयान देते हैं,तब वे यह नहीं सोचते की हम अधिकृत नहीं है।

देखिए वीडियो जब हमने एसडीओ अम्बिकापुर को मामले की जानकारी दी तो उन्होंने क्या कहा।

ऐसे गैरजिम्मेदार लापरवाह रेंजर के खिलाफ उच्च अधिकारियों को मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही करनी चाहिए जिससे विभाग की छवि धूमिल ना हो सके

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