बीते सप्ताह तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के चॉपर क्रैश में जख्मी हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का भी निधन हो गया है। इंडियन एयर फोर्स के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अकेले ऐसे सदस्य थे, जो घटना के बाद जीवित मिले थे और उन्हें बचाने के तमाम प्रयास किए। लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशें बेकार साबित हुईं और बुधवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे में उनका शरीर 90 फीसदी से ज्यादा जल चुका था और उनकी हालत लगातार गंभीर बनी हुई थी। हाल ही में उन्हें इलाज के लिए चेन्नै से बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। पूरे एक सप्ताह तक डॉक्टर उनके जीवन को बचाने के लिए मशक्कत करते रहे, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई।
वरुण सिंह के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दुख और संवेदना व्यक्त की है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने पूरे गर्व, पराक्रम और पेशेवर क्षमता के साथ देश की सेवा की थी। उनके निधन से मैं बेहद दुखी हूं। देश के लिए उनके अमूल्य योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संदेवनाएं। ओम शांति।’ उनके निधन के बारे में वायुसेना ने भी जानकारी दी है। इंडियन एयरफोर्स ने ट्वीट कर बताया गया, ‘8 दिसंबर, 2021 को हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में जख्मी बहादुर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन की जानकारी देते हुए हमें बेहद दुख हो रहा है। भारतीय वायुसेना उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करती है।’
हादसे की वजह का खुलासा होने की बड़ी उम्मीद भी टूटी
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का निधन देश के लिए बड़े दुख की खबर है। इसके साथ ही चॉपर क्रैश की वजह पता चलने की एक बड़ी उम्मीद भी टूट गई है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के चॉपर को वरुण सिंह ही उड़ा रहे थे। माना जा रहा था कि यदि वह उबर जाते हैं तो हादसे कैसे हुआ, इस बारे में वह बता सकेंगे। लेकिन उनके निधन ने इस उम्मीद को भी तोड़ दिया है। इससे पहले 8 दिसंबर को चॉपर क्रैश में सीडीएस बिपिन रावत, पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी। विमान में कुल 14 लोग सवार थे, जिनमें वरुण सिंह ही जीवित बचे थे। लेकिन अब उनकी भी मौत ने देश को बड़ा आघात दिया है।
अगस्त में ही मिला था शौर्य चक्र सम्मान
पिछले साल एक बड़ी तकनीकी खामी की चपेट में आए लड़ाकू विमान तेजस को संभावित दुर्घटना से सफलतापूर्वक बचा लेने के उत्कृष्ट कार्य के चलते ग्रुप कैप्टन सिंह को अगस्त महीने में शौर्य चक्र से नवाजा गया था। देश भर में उनके दीर्घायु होने की दुआएं मांगी जा रही थीं, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।