सूरजपुर । खनन विभाग एवं प्रशासन की सख्ती के अभाव में सूरजपुुर जिले के कई नदीयो में रात के अंधेरो में अवैध खनन का यह खेल निराले अंदाज में ही चल रहा है।खनन विभाग की खननकर्ताओ पर रहम दिली के कारण इनका कारोबार रात के अंधेरे में शुरू होकर सूर्योदय से पहले ही खत्म हो जाता है।
सूरजपुर- जिले इलाके से गुजरने वाली कई प्रमुख नदीयो पर शाम ढलते ही अवैध खनन का कारोबार शुरू हो जाता है,जिसे रोकने वाला कोई नही है।पर्यावरण एवं प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने वाले खनन माफियाओ के हौसले इतने बुलंद है कि वे खनन विभाग की खनन विभाग इसे रोकने में नाकाम साबित हो रहा है।
वही अवैध परिवहन करने वाले ट्रैक्टर चालको के खिलाफ कार्यवाही करता भी है,लेकिन खनन विभाग का तो भगवान ही मालिक है।
कुरुवां, कोरेया, रतनपुर, कांसापारा, जयनगर , राजापुर ,कांतीपुर, सत्तीपारा, खडगवा कला, बंशीपुर, हर्राटिकरा, कदरंई, , समौली, खोपा घाट, भैसा मुड़ा ,रेवटी, नमनाकला,सलका,बकालो, कांतीपुर, पम्पापुर, लखनपुर समौली सेमरा सहित अनेक नदीयो में पिछ्ले लंबे समय से खनन माफियाओ के द्वारा जेसीबी एवं फोकलेन मशीनो की सहायता से रात्रि के समय मे बड़े पैमाने पर खनन कर मुंह मागे दामो पर बेची जा रही है।भरोसामंद सूत्रो का कहना है कि खनन विभाग के अधिकारीयो को इसकी सम्पूर्ण जानकारी होने के बावजूद वे इस पर कार्यवाही नही कर रहे है।इसके पीछे तर्क यह है कि उनको घर बैठे चांदी मिल रही है।खनन विभाग की नजरो में तो सूरजपुुर जिले में कई ऐसा खनन हो ही नही रहा है,लेकिन मौके पर जो बड़े बड़े गडडे एवं मशीनो के निशान इस बात की गवाही देने के लिए काफी है। क्षेत्र के ग्राम वासियों के लोग तो रात के अंधेरे में चलने वाले इस खनन के खेल की शिकायतें करते करते परेशान भी हो गए है,लेकिन कार्यवाही के नाम पर कुछ नही। अवैध खनन करने वालो पर कार्यवाही करने से हिचकिचा रही है।यहां दोष किसी दूसरे विभाग का नहीं है,असल में दोषी तो स्वयं खनन विभाग ही है जो जानते हुए भी अनजान बन रहा