न्यू व्यापारी मेडिकल समेत अन्य गैर मान्यता प्राप्त सभी अवैध रूप से संचालित मेडिकल स्टोर्स पर होगी कार्रवाई :– स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव,,जाने वीडियो में और क्या कहा स्वास्थ्य मंत्री ने

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अम्बिकापुर हिंद स्वराष्ट्र समाचार पत्र आज के दौर में जब हमारे देश में बड़े-बड़े एवं महंगे मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल खुल रहे हैं जहां लोगो की हर बीमारी का बेहतर इलाज संभव होता हैं। लेकिन वही कुछ लोग है जो बड़े-बड़े हॉस्पिटलों में बड़े बिल बनने के डर से खास करके गरीब और मध्यम वर्ग के लोग इन बिलों से बचने के लिए छोटी जगहों पर कुछ तुच्छ झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाते हैं और कम पैसे में इलाज के लिए अपनी जिंदगी को खतरे में डाल देते हैं। इन्हीं सब बातों का फायदा उठाकर रोड के बगल में लगने वाली टफरी की तरह बिना किसी सरकारी मान्यता के लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने के लिए अपना दुकान खोल कर बैठ जाते हैं। हम बात कर रहे हैं गैर मान्यता प्राप्त फर्जी झोलाछाप डॉक्टरों और उनके द्वारा चलाए जा रहे फर्जी हॉस्पिटलों की जिससे लोगों की जिंदगी कभी भी खतरे में आ सकती है और उनकी जान जा सकती है।

न्यू व्यापारी मेडिकल दवाई दुकान के नाम पर कर रहा लोगों का इलाज

चठिरमा स्थित न्यू व्यापारी मेडिकल जिसके संचालक विश्वजीत व्यापारी और फार्मेसिस्ट सुमित व्यापारी को केवल मेडिकल शॉप चलाने की अनुमति है लेकिन इनका लालच दवाई दुकान चलाकर खत्म नहीं हो रहा और यह लोग खुद को डॉक्टर समझकर लोगों का इलाज करने पर उतर आए हैं, और लोगों को बिना पर्ची के दवा इंजेक्शन पूरी तरह से मेडिकल सलाह आदि दे रहे हैं। हम पूछना चाहते हैं की ऐसी गैर मान्यता प्राप्त फर्जी झोलाछाप डॉक्टर किस अधिकार के तहत और लोगों को चिकित्सीय सलाह दे रहे हैं और उनका उपचार कर रहे हैं।आखिर ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों को यह अधिकार किसने दिया है कि वह बगैर मान्यता प्राप्त या नर्सिंग होम एक्ट की मान्यता लिए बिना केवल दवाई दुकान के आधार पर लोगों का इलाज कर सके। लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले ऐसे झोलाछाप घुमंतू डॉक्टरों पर कार्रवाई करने में विभाग इतना शर्मा क्यों रहा है।

हिंद स्वराष्ट्र की टीम को आते देख दुम दबाकर भागे पिता – पुत्र

जब इस बात की जानकारी हमे मिली कि चठिरमा स्थित न्यू व्यापारी मेडिकल के द्वारा अवैध तरीके से लोगों का इलाज किया जा रहा हैं तब हमने इस मामले में न्यू व्यापारी मेडिकल के संचालक विश्वजीत व्यापारी और फार्मासिस्ट सुमित व्यापारी से मामले की जानकारी लेने की कोशिश की। लेकिन हिंद स्वराष्ट्र की टीम और कैमरा देखते ही दोनो पिता पुत्र शटर गिराकर भाग खड़े हुए।

अगर आपने कोई गलती नहीं की है तो भाग क्यों रहे हैं।

न्यू व्यापारी मेडिकल के संचालक के द्वारा यदि कोई गलती नहीं की गई है तो फिर वह लोग हिंद स्वराष्ट्र की टीम को आते देख भागे क्यों?? उनके वहां से भागने से यह साबित होता है कि कहीं ना कहीं इनकी चोरी सामने आ चुकी है जिस विषय में बोलने के लिए इनके पास कुछ नहीं है।

माननीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा किसी भी झोलाछाप को बख्शा नहीं जाएगा होगी कार्रवाई।

जब हमने इस बारे में माननीय स्वास्थ्य मंत्री से इस संबंध में जानकारी लेनी चाहि तो उन्होंने कहा कि किसी भी अवैध गैर मान्यता प्राप्त झोलाछाप डॉक्टरों को जो लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं बख्शा नहीं जाएगा और ऐसे लोगों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी ने आगे कहा कि आप इस घटना की शिकायत मुझसे लिखित तौर पर करें ताकि हम इस संबंध में उचित कार्रवाई कर सकें।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंह देव जी के इस बयान से यह स्पष्ट है कि ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों को अब और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं मिलेगा और ऐसे लोगों पर प्रशासन दंडात्मक और कठोर कार्रवाई करेगी।

आखिर चंद पैसों की लालच लोगों की जिंदगी से बड़ी कैसे हो सकती है।

आज हम देख रहे हैं की वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान मेडिकल स्टाफ ने पूरी जान झोंक दी थी लोगों की जिंदगी बचाने में और बहुत ही सराहनीय कार्य करते हुए लोगों की जिंदगी बचाई लेकिन ऐसे डॉक्टरों की अच्छी छवि को धूमिल करने के लिए खुद को डॉक्टर कहने वाले झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर उन्हें मौत बांट रहे हैं वह भी चंद पैसों की लालच में जिससे मानवता शर्मसार हो रही है अब ऐसे में सवाल उठता है कि 20 ₹50 क्या किसी इंसान की जिंदगी से ज्यादा कीमती है क्या आपकी और सही तरीके से पैसे नहीं कमा सकते लेकिन यह सब बातें न्यू व्यापारी मेडिकल और उनके संचालक कुछ समझ में नहीं आ रही है जो, दोनों पिता-पुत्र अपने आप को गरीबों का मसीहा और कम पैसों में इलाज करने वाले महान डॉ समझकर लोगों का इलाज कर रहे हैं और उनकी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं क्या ऐसे झोलाछाप लोगों के पास फार्मेसी की डिग्री होने से उन्हें एमबीबीएस डॉक्टर के जितना नॉलेज रहता है और यदि रहता है तो एमबीबीएस करने की क्या आवश्यकता है और यदि नहीं रहता है तो इन झोलाछाप डॉक्टरों को इतनी हिम्मत कहां से मिल रही है कि वह लोग धड़ल्ले से फर्जी तरीके से लोगों का इलाज कर रहे हैं।

माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी बयान के बाद यह स्पष्ट है कि अब ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों को लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने के लिए विधिवत कार्रवाई का सामना अवश्य करना पड़ेगा।

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