नागर-बैलों से नाता तोड़
मशीनों को अपना रहा है!
कथित किसान खेतों में
बाज़ार बो रहा है!
पारम्परिक बीजों को छोड़
हाइब्रिड बीज बो रहा है!
कथित किसान खेतों में
बाज़ार बो रहा है।।
जैविक खेती छोड़!
पेस्टीसाइड छिड़क
मित्र कीटों को मार रहा है!
कथित किसान खेतों में
बाजार बो रहा है।।
मक्का-मेझरी बाजरा
जव जो नहीं खा रहा है!
जानो जहर खा रहा है!
कथित किसान खेतों में
बाज़ार बो रहा है।।
स्वरचित रचना आचार्य दिग्विजय सिंह तोमर अम्बिकापुर