मनेंद्रगढ़ :– सांसारिक जीवन को त्याग कर ईश्वर की आराधना में अपना जीवन त्यागने वाली साध्वी श्याम बाबा त्यागी के साथ असामाजिक तत्वों गजाधर मिश्रा तथा गोपाल चौधरी एवं उनके सहयोगियों द्वारा जबरजस्ती मारपीट की जाती हैं साथ ही महिला साध्वी के ऊपर केरोसीन तेल डालकर उसे जान से मारने की कोशिश भी की जाती हैं। आरोपियों को इतने में ही शांति नही मिलती हैं उनके द्वारा साध्वी के समाधि स्थल,गौशाला तथा बाउंड्री वॉल को भी तोड़ कर क्षतिग्रस्त किया जाता है महिला को अपने ही मंदिर से बेदखल कर वहां पर गजाधर मिश्रा द्वारा अवैध कब्जा कर लिया जाता है साथ ही अपराधियो द्वारा फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन भी करवाया गया है। बिलासपुर रजिस्ट्रार द्वारा किस आधार पर उक्त जमीन का नामांतरण आरोपियों के नाम पर किया गया यह भी जांच का विषय हैं। जबकि मंदिर का निर्माण स्व. भैया लाल सोनी द्वारा कराया जाता है तथा उनके द्वारा अपनी मृत्यु से पूर्व ही थाने में उपस्थित होकर मंदिर परिसर साध्वी श्याम बाबा त्यागी को लिखित आवेदन द्वारा सौपा गया था।
महिला द्वारा थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जाती है लेकिन आरोपियों तथा राजनीतिक दबाव के कारण साध्वी को न्याय नहीं मिल पाता हैं। साध्वी दर दर भटक रही हैं जबकि उसके समाधि स्थल एवं आश्रम में गजाधर मिश्रा और उसकी समिति द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर वहां पुजारी के रूप में रह रहा हैं। साध्वी द्वारा बताया जा रहा है कि आरोपियों द्वारा साध्वी के वकील को भी खरीद लिया जाता है जिसके चलते साध्वी का केस खत्म हो जाता है। साध्वी न्याय के लिए दर-दर भटक रही है। जब मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के संज्ञान में आता है तो मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन द्वारा मामले की पुनः जांच के लिए कलेक्टर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया है।