नई दिल्ली :- बाबुल सुप्रियो ने भले ही राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया हो लेकिन अभी भी उनके इस कदम को लेकर राजनीतिक महकों में जुबानी जंग जारी है. बाबुल सुप्रियो ने सोशल मीडिया के जरिये संन्यास का ऐलान किया था, लेकिन इस दौरान उन्होंने कई ऐसे सवाल छोड़ दिए, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई. अब उन्हें टीएमसी के कुणाल घोष और बीजेपी के दिलीप घोष की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
हालांकि गायक से नेता बने बाबुल सुप्रियो ने सोशल मीडिया पर उनको लेकर चल रही बातों पर जवाब देते हुए कहा कि अब उनके पास गाने के लिए पर्याप्त समय है. उन्होंने शनिवार देर रात एक पोस्ट के जरिये कहा, मुझे लेकर राजनीति दलों के बीच जिस तरह की बात कही जा रही है उसे आप सभी पढ़ें. आप सभी चीजों को अपने नजरिए से देख रहे हैं. कुछ लोगों ने अपनी संस्कृति के अनुसार भाषा का प्रयोग किया है.
सुप्रियो ने कहा, मैं इन सभी लोगों के सवालों का जवाब उस काम के जरिए देना चाहता हूं, जिसके लिए मुझे सांसद होने की जरूरत नहीं है. मुझे कुछ समय दीजिए, मैं जल्द ही गीत गाना शुरू कर दूंगा. अब मेरे पास पर्याप्त समय है. कम से कम मुझे इस तरह की अभद्र टिप्पणियों से नहीं जूझना पड़ेगा, जिससे मेरी सकारात्मक ऊर्जा की बचत होगी.
सुप्रियो की ये प्रतिक्रिया टीएमसी नेता कुणाल घोष द्वारा उनके इस्तीफे को नाटक बताए जाने के बाद आई, जिसमें कहा गया था कि लोकसभा काम कर रही है और अगर वह गंभीर थे तो उन्हें सांसद के रूप में इस्तीफा दे देना चाहिए था. घोष ने शोले के धर्मेंद्र से उनकी हरकतों की तुलना करते हुए कहा कि सुप्रियो दिल्ली के अपने नेताओं को आकर्षित करने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल कर रहे थे, क्योंकि वह अब एक असंतुष्ट नेता हैं.
वहीं बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने सुप्रियो के फैसले पर किसी भी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की और इसे उनका निजी फैसला बताया. हालांकि, सुप्रियो के साथ तनावपूर्ण संबंधों की चर्चा के बीच, उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट था कि वह ‘महत्वपूर्ण’ थे और इसलिए सभी ने उनकी आलोचना की.