गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच जो हिंसक झड़प हुई है उसमें सूत्रों के मुताबिक भारत के करीब 20 सैनिक शहीद हो गए हैं और चीन को भी करीब-करीब इतना ही नुकसान हुआ है. भारत के जो सैनिक शहीद हुए हैं उनमें एक कर्नल रैंक का अधिकारी भी शामिल है. चीन के भी करीब इतने ही सैनिक मारे गए हैं उनमें चीन का एक कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक चीन की तरफ से 43 जवान हताहत हुए हैं. हताहतों में मरने वाले और गंभीर रूप से घायलों की संख्या शामिल हैं. न्यूज एजेंसी ANI ने उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से ये भी कहा है कि चीन की तरफ से हताहतों की संख्या में इजाफा भी हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि चीन की तरफ की बातचीत को इंटरसेप्ट किया गया है, उसी आधार पर ये दावा किया जा रहा है.
भारतीय सेना ने भी आधिकारिक बयान जारी कर पुष्टि की है कि भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं. जबकि इससे पहले ये खबरें आई थीं कि एक अफसर समेत तीन जवान शहीद हुए हैं. सेना का कहना है कि 17 गंभीर रूप से घायल सैनिक भी शहीद हुए. इसके साथ ही सेना ने ये भी कहा कि भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए सेना प्रतिबद्ध है.
भारत के 20 जवान शहीद होने की खबरों के बीच चीनी मंत्री और भारतीय राजदूत ने की मुलाकात।
LAC को बदलने की एकतरफा कोशिश
इस बीच भारत ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘‘यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास’’ के कारण हुई. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता तो दोनों पक्षों की ओर जो हताहत हुए हैं उनसे बचा जा सकता था .
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘सीमा प्रबंधन पर जिम्मेदाराना दृष्टिकोण जाहिर करते हुए भारत का स्पष्ट तौर पर मानना है कि हमारी सारी गतिविधियां हमेशा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के भारतीय हिस्से की तरफ हुई हैं. हम चीन से भी ऐसी ही उम्मीद करते हैं ।’’
सोमवार की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान एक भारतीय कर्नल और दो सैनिक शहीद हो गए. श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमारा अटूट विश्वास है कि सीमाई इलाके में शांति बनाए रखने की जरूरत है और वार्ता के जरिए मतभेद दूर होने चाहिए । ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ ही हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं ।’’