अम्बिकापुर :- नगर के महामाया पहाड़ पर हो रहे अवैध अतिक्रमण को लेकर भाजपा नेता व पार्षद आलोक दुबे ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर कार्रवाई की मांग की थी। इस मामले को मुख्यमंत्री ने तत्काल संज्ञान लेते हुए कलेक्टर को जांच के आदेश दिए हैं।
इसके लिए आईएएस अधिकारी तनुजा सलाम के नेतृत्व में 5 सदस्यीय टीम का भी गठन किया गया है। भाजपा नेता ने प्रेषित ज्ञापन में कहा था कि वर्षों से महामाया पहाड और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र में वन भूमि पर कब्जे का खेल चल रहा है। इस खेल में सीधे-सीधे वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही है और वही जिम्मेदार हैं।
कई बार जांच के नाम पर टीम बनी और वन विभाग लीपा-पोती करता रहा है। इसके आसपास की नजुल व राजस्व भूमि भी अतिक्रमण का शिकार हुई, जिसमें राजस्व व नजुल के अधिकारियों की लापरवाही है।
गौरतलब है कि महामाया पहाड़ पर पिछले कई वर्षों से अतिक्रमण चल रहा है। अतिक्रमण करने के बाद यहां सैकड़ों घर बन गए। इस मामले की शिकायत कई बार की गई। हर बार जांच के लिए टीम बनाई गई लेकिन ताज्जुब की बात तो यह है कि न तो कब्जा हटा और न ही अतिक्रमण पर रोक लगाने कोई ठोस पहल हुई।
आज की स्थिति में धीरे-धीरे महामाया पहाड़ से लगे राजस्व भूमि पर करीब 1500 लोगों ने अवैध रूप से अतिक्रमण कर रखा है। पहाड़ का अस्तित्व खतरे में पड़ता देख एक बार फिर यह मामला सामने आया है। कुछ दिन पूर्व भाजपा नेता व पार्षद आलोक दुबे ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर कार्रवाई की मांग की थी।
इस मामले में मुख्यमंत्री ने तत्काल संज्ञान लेते हुए कलेक्टर को जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कलेक्टर संजीव कुमार झा ने आईएएस अधिकारी तनुजा सलमा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम गठित की है।
टीम में अपर कलेक्टर तनुजा सलाम को अध्यक्ष, वन मण्डलाधिकारी वन मंडल सरगुजा सदस्य, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अंबिकापुर सदस्य, आयुक्त नगर पालिक निगम अंबिकापुर सदस्य, अधीक्षक भू अभिलेख अंबिकापुर सदस्य व तहसीलदार अंबिकापुर को सदस्य बनाया गया है।
तत्कालीन प्रभारी मंत्री ने दिए थे कार्रवाई के निर्देश
वर्ष 2017 में शिकायत पर तत्कालीन प्रभारी मंत्री सरगुजा बृजमोहन अग्रवाल ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग, नगर निगम एवं वन विभाग द्वारा इन अवैध अतिक्रमण पर बेदखली के दिए गए अंतिम नोटिस पर अवैध कब्जा धारियों ने न्यायालय का भी सहारा लिया, किन्तु किसी भी न्यायालय से इन्हें स्थगन नहीं मिला।
उस समय तत्कालीन कलेक्टर किरण कौशल ने राजस्व विभाग से तहसीलदार के माध्यम से 143 लोगों को बेदखली नोटिस जारी कराया था। वहीं निगम आयुक्त ने पहाड़ पर नगर निगम की जमीन पर अवैध रूप से जमीन कब्जा पर मकान बनाने वाले 534 कब्जा धारियों को भी नोटिस जारी किया था।
इसी तरह वनमंडलाधिकारी सरगुजा ने रिजर्व फारेस्ट पर अवैध कब्जा कर रह रहे ६० लोगों को बेदखली का नोटिस जारी कर दिया था। अगर उस समय तत्कालीन कलेक्टर को एक प्रभावशाली राजनैतिक व्यक्ति का फोन नहीं आता तो अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हो जाती।
वर्तमान में हो रहे निर्माण को रुकवाने की मांग
मुख्यमंत्री व कलेक्टर द्वारा इस मामले में तत्काल संज्ञान लेकर जांच के लिए टीम गठित करने भाजपा नेता आलोक दुबे ने स्वागत योग्य बताया है। उन्होंने कलेक्टर से मांग की है कि जब तक यह टीम पूरी जांच नहीं कर लेती, तब तक संपूर्ण महामाया पहाड़ी पर वर्तमान में हो रहे अवैध निर्माण कार्य को तत्काल दंडाधिकारी आदेश देकर रूकवाई जाए, ताकि जांच में कोई परेशानी न हो।