अम्बिकापुर जहां चारों ओर कोरोना का संकट छाया हुवा है वही अम्बिकापुर क्षेत्र में शिक्षकों को कोरोना के टीकरण,कोरोना जांच, कॉन्टैक्ट ट्रेसिग,होम आइसोलेशन सेंटर आदि में उनकी जान को जोखिम में डालकर उन्हें ऐसे इलाकों में ड्यूटी कराया जा रहा है जहां चिकित्सा अधिकारियों का होना जादा जरूरी है।
बिना किसी मेडिकल डिग्री और मेडिकल जानकारी के खुद बचेंगे या दूसरों को बचाएंगे शिक्षक
जहां तक बात शिक्षको की है जिनको किसी भी मेडिकल जानकारी नहीं होती है तो उनकी जान जोखिम डालकर ऐसे काम करना कहां उचित है।
मिली जानकारी के अनुसार शिक्षको ना तो इस जोखिम भरे काम के दौरान ना तो मास्क दिया जा रहा है और ना ही सेनिटाईजर भला ऐसे में वे अपने आप को सुरक्षित रखें भी तो कैसे…
ऐसे मामलों में जिन भी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाते है उन्हे जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करना जरूरी है लेकिन बड़े अधिकारी शायद इन मामलों में ध्यान नहीं दे रहे हैं।
ऐसे में ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को कोरोना होता है तो उसने उनके परिवार वालों को भी उनसे खतरा हो सकता है।
आखिर हमारे लिए अपनी जान को जोखिम में डाल कर ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध क्यों नही कराई गई यह सोचने का विषय है।